मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में आयोजित समारोह में पिछड़े वर्ग के छात्रों के खाते में छात्रवृत्ति भेजकर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए छात्रवृत्ति वितरण की शुरुआत कर दी। यह पहली बार है कि सितंबर में ही इस प्रक्रिया को शुरू किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लगभग पांच लाख छात्रों के खाते में डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति ट्रांसफर की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि पहले छात्रवृत्ति वितरण में भेदभाव देखा जाता था। वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति हड़प ली जाती थी, लेकिन अब ऐसी समस्या नहीं है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 62 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति मिल रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने छात्रवृत्ति वितरण को वर्ष के अंत तक सीमित न रखते हुए इसे दो चरणों में बांटने का निर्णय लिया। पहले चरण में लगभग 62.13 करोड़ रुपये 2.5 लाख ओबीसी छात्रों के खाते में कक्षा 9 से 12 तक ट्रांसफर किए गए। दूसरे चरण में शुक्रवार को 126.68 करोड़ रुपये 4.83 लाख से अधिक छात्रों के खाते में भेजे गए।
उन्होंने यह भी कहा कि डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति वितरण से छात्रों को भटकना नहीं पड़ेगा और सभी सीधे लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही उन्होंने छात्रों से स्कूल जाने और पढ़ाई पूरी करने की अपील की, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव आए।
यूपी सरकार के मंत्री असीम अरुण ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार राज्य सरकार अब ई-गवर्नेंस से ईजी-गवर्नेंस की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस प्रणाली के माध्यम से छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है और लाभार्थियों को सुविधा के साथ राशि सीधे उनके बैंक खाते में मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल छात्रों के लिए राहत और प्रेरणा का कारण बनी है। इससे यह संदेश गया कि सरकार शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है और पिछड़े वर्ग के युवाओं को आर्थिक एवं शैक्षणिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए लगातार कदम उठा रही है।





