देश को 13 मई 2025 को नया मुख्य न्यायाधीश मिला। जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई ने देश के 52वें सीजेआई के रूप में शपथ ली। शपथ लेने के बाद उन्होंने सबसे पहले अपनी मां कमल ताई गवई के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। यह पल बेहद भावुक था और पूरे परिवार के लिए गर्व से भरा हुआ।
महाराष्ट्र के अमरावती से दिल्ली पहुंची उनकी मां बेटे को इस मुकाम तक पहुंचते हुए देखकर भावुक हो गईं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में उन्हें पद की शपथ दिलाई। जस्टिस गवई ने हिंदी में शपथ ली। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे।
जस्टिस गवई 23 नवंबर 2025 तक इस पद पर रहेंगे। वह 65 साल की उम्र में रिटायर होंगे। 24 मई 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। इससे पहले वे बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश (2003) और स्थायी न्यायाधीश (2005) रह चुके हैं।
नागपुर विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले जस्टिस गवई 1985 में वकालत में आए और लंबे समय तक नागपुर और अमरावती नगर निगम के वकील रहे। वह सुप्रीम कोर्ट में कई अहम संविधान पीठों का हिस्सा रहे हैं और उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसलों में योगदान दिया है।

Author: Sweta Sharma
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