लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को स्मार्ट और विकसित नगर पालिका के रूप में बदलने की महत्वाकांक्षी योजना को शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस योजना का उद्देश्य नगर पालिकाओं को आधुनिक, आत्मनिर्भर और नागरिक-केंद्रित स्वरूप देना है।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि योजना के तहत नगर पालिकाओं में गौरव पथ, पिंक टॉयलेट, स्मार्ट क्लासरूम, थीम आधारित पार्क, शहरी सुविधा केंद्र, आंगनबाड़ी, ऐतिहासिक धरोहर संरक्षण, ईवी चार्जिंग स्टेशन, ग्रीन क्रेमेटोरियम और डिजिटल सेवाओं जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ ढांचे, उत्सव भवन और सामुदायिक केंद्र भी तैयार किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने योजना को हब-एंड-स्पोक मॉडल पर लागू करने का सुझाव दिया। इस मॉडल के तहत लखनऊ और गोरखपुर जैसे बड़े शहरों के इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से आसपास के जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को जोड़ा जाएगा। इससे सुरक्षा, निगरानी और शिकायत निवारण जैसी सेवाओं में तेजी आएगी और संसाधनों का प्रभावी उपयोग होगा।
वित्तीय व्यवस्था पर चर्चा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि नगर निकायों को उनकी जनसंख्या और कार्यदक्षता के अनुसार 4 से 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं का चयन स्थानीय आवश्यकताओं पर आधारित होना चाहिए और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
बैठक में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर भी चर्चा हुई। लखनऊ और कानपुर में 200 बसों को नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मोड पर चलाने और अन्य नगरों में 650 बसों की प्रत्यक्ष खरीद का प्रस्ताव सामने आया। योगी ने कहा कि ई-बसेस को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को शीघ्र तैयार किया जाए।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने नगर निकायों के कर बकाया विवादों के समाधान के लिए विशेष अभियान चलाने और सभी निकायों के पास अपना भवन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने वित्तीय स्वीकृति सीमाओं के विस्तार और नगर निगमों को अधिक अधिकार देने की आवश्यकता दोहराई।

Author: Sweta Sharma
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