लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नदियों और पर्यावरण के संरक्षण को लेकर एक भावनात्मक और जागरूकता भरा संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि जैसे हमारे शरीर की धमनियां जीवनदायिनी होती हैं, वैसे ही नदियां धरती माँ की धमनियां हैं। अगर धरती माँ स्वस्थ रहेगी, तो मानव जाति भी सुरक्षित और समृद्ध रह सकेगी।
मुख्यमंत्री का यह संदेश #EkPedMaaKeNaam (एक पेड़ माँ के नाम) नामक अभियान के तहत आया है, जो प्रदेश में वृक्षारोपण और जल संरक्षण को जनांदोलन का रूप देने की पहल है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि हर नागरिक कम से कम एक पेड़ अपनी माँ के नाम लगाकर इस अभियान से जुड़े और पर्यावरण सुरक्षा में भागीदार बने।
सीएम योगी ने कहा कि वर्षा जल संचयन, नदियों के पुनरुद्धार और हरियाली बढ़ाने जैसे कदम सिर्फ पर्यावरण की रक्षा नहीं करते, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध जलवायु और सुरक्षित भविष्य भी प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही कई जिलों में जल संरक्षण, अमृत सरोवर योजना और नदी पुनर्जीवन परियोजनाएं चला रही है, जिन्हें अब आम जनता की सहभागिता से और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभियान केवल सरकारी औपचारिकता तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे हर नागरिक की भावनाओं और जिम्मेदारियों से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “धरती माँ की सेवा ही सच्चे अर्थों में राष्ट्र सेवा है।”
पर्यावरणीय संकटों के समय में यह अपील समाज को अपनी भूमिका निभाने की याद दिलाती है — एक ऐसा प्रयास जिसमें हर वृक्ष, हर बूंद और हर प्रयास आने वाले कल को बचा सकता है।

Author: Sweta Sharma
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