उत्तर प्रदेश में बदले मौसम और आंधी-बारिश से फसलों, जन-धन और पशुधन को हुए नुकसान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को समय पर राहत राशि दी जाए और घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अधिकारी क्षेत्र भ्रमण कर स्थिति का सर्वे करें और फसल नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजें। साथ ही जलभराव की स्थिति होने पर प्राथमिकता के आधार पर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
शनिवार को प्रदेश के 30 से अधिक जिलों में तेज हवाओं और बूंदाबांदी ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। खासकर खेतों में खड़ी और कटी फसलें तेज हवाओं से नष्ट हो गईं। आम के बौर को भी नुकसान पहुंचा है। मुरादाबाद में हवाओं की रफ्तार 75 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई, जबकि लखनऊ में 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी आंधी चली। बूंदाबांदी बस्ती, अयोध्या, बलरामपुर, बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और बाराबंकी जैसे जिलों में देखने को मिली। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, मेरठ में सर्वाधिक 62 मिमी और सीतापुर में 30 मिमी बारिश दर्ज की गई।
20 अप्रैल को तराई क्षेत्रों में दोबारा तेज हवाओं संग बारिश का अनुमान है, लेकिन 21 अप्रैल से मौसम साफ होने की उम्मीद है और तापमान में वृद्धि के साथ गर्मी दोबारा लौट सकती है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को हर स्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
Author: Sweta Sharma
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