लखनऊ/नई दिल्ली। कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गई है। प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर जिला-शहर व ब्लाक स्तर तक नई कमेटियों का गठन होना है। कांग्रेस ने रणनीति के तहत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर भी हमला तेज किया है। दिल्ली चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) का सहयोग कर जिस तरह कांग्रेस पर दबाव बनाने का प्रयास किया, उसके पलटवार में कांग्रेस मुस्लिम समुदाय की हितैशी बनकर साइकिल की हवा निकालने की कोशिश करेगी।
राहुल गांधी ने रायबरेली में बसपा सुप्रीमो मायावती के दलित समाज के लिए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन का हिस्सा न बनने को लेकर आलोचना भी की। इससे साफ है कि कांग्रेस अपने पुराने वोटबैंक को लुभाने की जुगत में तो है पर मायावती पर सीधा हमला बोलकर खास वर्ग को नाराज भी नहीं करना चाहती। राहुल ने संगठन को हर स्तर पर सक्रिय किए जाने का संदेश भी दिया। कांग्रेस अगले विधानसभा चुनाव में छोटे दलों को साथ मिलाकर अपनी राह तय करने का प्रयास करेगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बार प्रदेश कार्यकारिणी में 200 से अधिक पदाधिकारी होंगे। इनमें लगभग 20 उपाध्यक्ष, 40 महासचिव व 140 से अधिक सचिव होंगे। पार्टी महासचिव व सचिव को जिलों के बजाए विधानसभा वार जिम्मेदारी देने की तैयारी है। जिससे वह बूथ स्तर तक अपनी गतिविधियों को बढ़ा सके। प्रदेश, जिला व शहर कमेटियों के पुनर्गठन के लिए नामों की सूची तैयार कर ली गई है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय महाशिवरात्रि के बाद सूची लेकर दिल्ली जाएंगे, जहां प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय से विमर्श के बाद सूची केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी। होली तक नई कार्यकारिणी घोषित हो सकती है। पिछली प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नवंबर 2023 में हुआ था, जिसमें 16 उपाध्यक्ष, 38 महासचिव व 76 सचिव शामिल थे।
कुशीनगर के हाटा स्थित मदनी मस्जिद में बुलडोजर चलाए जाने के बाद जिस तरह कांग्रेस अल्पसंख्यक वर्ग के समर्थन में खुलकर खड़ी हुई और सहयोगी दल सपा के नगर पंचायत अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल खड़े किए, उससे साफ है कि पार्टी आगे इस रणनीति को और धार देगी। दोनों दलों के बीच आगे खींचतान और बढ़ेगी। कांग्रेस की दूसरी नजर वंचित समाज पर है। इस एजेंडे को पूरा करने के लिए पार्टी नई प्रदेश कार्यकारिणी दलित-मुस्लिम के साथ पिछड़ों की भागीदारी बढ़ाने की तैयारी में है। सभी वर्गों को हिस्सेदारी देने के लिए कार्यकारिणी का स्वरूप भी बड़ा होगा।
