- उमा भारती ने चिदंबरम, दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने हिंदू पहचान को बदनाम करने का प्रयास किया
निश्चय टाइम्स डेस्क। मुंबई की एनआईए अदालत ने 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को 31 जुलाई 2025 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इस फैसले के बाद देशभर में राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेत्री उमा भारती ने इस फैसले को लेकर भावुक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जब प्रज्ञा ठाकुर जेल में थीं, तब मैं उन्हें देखने गई थी। वे बेहद प्रताड़ित थीं। मैं उस वक्त रो पड़ी थी। आज उनके बरी होने पर मैं शब्दों में अपनी खुशी बयां नहीं कर सकती।” उमा भारती ने कांग्रेस नेताओं—चिदंबरम, दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी—पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने सनातन आस्था और हिंदू पहचान को बदनाम करने का प्रयास किया और अब उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए।
विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि मालेगांव मामले में फैसला चार बातों को स्पष्ट करता है:
* कांग्रेस आतंकवाद को राजनीतिक हथियार बनाती है।
* उसने भगवा आतंक का झूठ फैलाया।
* असली आतंकियों को बचाया और निर्दोष हिंदुओं को फंसाया।
* जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया।
बंसल ने मांग की कि संसद में एक प्रस्ताव पास होना चाहिए, जिसमें कांग्रेस को आतंकियों का समर्थन करने और हिंदुओं को फंसाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए। उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा, सैन्य अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर झूठे आरोप लगाकर कांग्रेस ने 2009 का चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक षड्यंत्र रचा। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद एक बार फिर “भगवा आतंकवाद” शब्द को लेकर देश में नई बहस छिड़ गई है।
Author: Sweta Sharma
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