भारत सरकार ने हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।” भारत सरकार ने इसे एक महत्वपूर्ण स्मारक दिन के रूप में चुना है। 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी घोषित होने के बाद यह दिन आया था। 26 जून को, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडियो के माध्यम से देश को इस घटना की सूचना दी। गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स [X] पर एक अधिसूचना भेजी, जिसमें इस विवादग्रस्त निर्णय का विवरण था। यह निर्णय भारत की इतिहास में एक बड़ी घटना है।
इंदिरा गांधी के फैसले का भारतीय इतिहास में विवाद

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लिया गया यह फैसला भारतीय इतिहास में काफी विवादास्पद रहा है। इस निर्णय को लागू करने की कई वजहें हैं, जिनमें राजनीतिक अस्थिरता भी शामिल है। इमरजेंसी के दौरान कई चीजों पर प्रतिबंध लगाया गया था, जिसमें प्रेस पर सेंसरशिप भी शामिल थी, और नागरिकों की स्वतंत्रता को सीमित किया गया था।
Read More: पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें जारी, टंकी फुल करवाने से पहले चेक करें ताजा रेट
आपातकाल के दौरान विपक्ष के प्रमुख नेता जेल में बंद थे, लेकिन उन्होंने एकता का संकेत दिखाया। विपक्षी नेताओं ने सड़कों पर उतरकर राष्ट्रपति भवन को घेरा और इस पर कार्रवाई भी की गई। आपातकाल के खत्म होने के बाद, 1977 में चुनाव हुए जिसमें इंदिरा गांधी को हार का सामना करना पड़ा था। उस समय, खुद इंदिरा गांधी ने अपने रायबरेली से चुनाव हार जाई थी।
यह घटना भारतीय राजनीति के इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है, जिसने देश में राजनीतिक उत्थान की दिशा बदल दी।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.






1 thought on “25 जून को इमरजेंसी की याद में मनाया जाएगा ‘संविधान हत्या दिवस’, अमित शाह”