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राजस्व परिषद ला रही है भूमि रिकॉर्ड में तकनीकी क्रांति

किसानों को मिलेगा सटीक और त्रुटिहीन समाधान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश में राजस्व परिषद अब कृषकों के लिए भूमि संबंधी रिकॉर्ड को आधुनिक तकनीक के जरिए अधिक पारदर्शी, सटीक और त्रुटिहीन बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। किसानों को अब खतौनी, नक्शा और म्यूटेशन जैसी सेवाएं डिजिटल और सहज रूप में मिलने लगेंगी।

राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने 17 जून को डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार, लखनऊ में आयोजित प्रशिक्षण सत्र के दौरान प्रांतीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) के 2023 बैच के करीब 50 प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैनामे के बाद स्वतः म्यूटेशन, गाटों की तुरंत पैमाइश, और गूगल मैप जैसे सटीक डिजिटल मानचित्रों की सुविधा शीघ्र ही किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होंने प्रशिक्षुओं को यह भी बताया कि राजस्व परिषद रोवर डिवाइस, सैटेलाइट इमेज और डिजिटाइज्ड मैपिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए मौके की स्थिति को खतौनी से मिलाकर प्रक्रिया को अधिक सरल और पारदर्शी बनाएगी। इससे न केवल भूमि विवादों में कमी आएगी, बल्कि किसानों को समयबद्ध और सही जानकारी प्राप्त होगी।

कार्यक्रम में राजस्व दस्तावेज़ों की उपयोगिता, उनका डिजिटलीकरण और तकनीकी हस्तक्षेप के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रशिक्षु अधिकारियों ने अध्यक्ष महोदय के मार्गदर्शन के लिए आभार जताया।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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