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दाहोद लोकोमोटिव वर्कशॉप से भारत बनेगा आत्मनिर्भर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के दाहोद में जिस लोकोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग वर्कशॉप का उद्घाटन किया है, वह केवल एक रेल इंजन निर्माण का कारखाना नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक प्रगति का नया पड़ाव है। 21,405 करोड़ रुपये की लागत से बने इस प्लांट में हर साल 120 हाई-कैपेसिटी इलेक्ट्रिक इंजन तैयार किए जाएंगे, जिनकी ताकत और क्षमता भारत को आत्मनिर्भर और ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की ओर ले जाएगी।

यह वर्कशॉप भारत को दो तरफा लाभ देगा—पहला, आयात पर निर्भरता कम होगी और दूसरा, निर्यात से विदेशी मुद्रा की कमाई होगी। यहां बना 9000 हॉर्सपावर का पहला इलेक्ट्रिक इंजन, जो एक बार में 4600 टन माल खींच सकता है, भारत की मालढुलाई क्षमता को जबरदस्त बढ़ावा देगा। इससे ट्रांसपोर्टेशन की लागत घटेगी और भारत की ग्लोबल सप्लाई चेन में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

यह प्लांट न सिर्फ टेक्नोलॉजी के मामले में गेमचेंजर है, बल्कि रोजगार सृजन के मामले में भी अहम है। करीब 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। यह कदम न केवल ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूती देगा, बल्कि भारत को रेलवे इंजन निर्यातक देशों की कतार में खड़ा करेगा।

यह वर्कशॉप डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के करीब है, जिससे माल परिवहन और तेज़ होगा। सरकार का लक्ष्य अगले 10 वर्षों में यहां से 1200 इंजन तैयार करना है।

नतीजा: भारत को मिलेगा एक मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, तेज़ लॉजिस्टिक्स, नया रोजगार और विदेशी मुद्रा। दाहोद से निकलते इंजन सिर्फ माल नहीं, देश की नई आर्थिक रफ्तार को भी आगे बढ़ाएंगे।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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