शाहजहांपुर के खुटार क्षेत्र में बाघ और तेंदुए की लगातार बढ़ती चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत है। जंगलों में हो रहे अवैध कटान के कारण जंगली जानवर अब गांवों की ओर रुख कर रहे हैं और पालतू पशुओं को शिकार बना रहे हैं। हाल ही में गांव चांदपुर में एक बाघ ने किसान पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
पिछले कुछ महीनों में तेंदुए और बाघ ने कई गांवों में हमला कर कई मवेशियों को अपना शिकार बनाया।
- 11 जनवरी – गांव दिलीपपुर निवासी दिनेश पांडेय के घर में तेंदुए ने घुसकर बछड़े को मार डाला।
- 12 फरवरी – गांव बरगदिया निवासी राज नारायण के घर के आंगन में बंधे बछड़े को बाघ ने मार डाला।
- 15 फरवरी – गांव बैकुंठापुर निवासी यसनदीप सिंह की कुतिया को तेंदुए ने अपना शिकार बनाया।
- 28 फरवरी – गांव चांदपुर निवासी रामऔतार शुक्ला पर बाघ ने हमला किया, लेकिन अन्य श्रमिक बाल-बाल बच गए।
- 4 मार्च – गांव कजरा निवासी गुरुदत्त सिंह के घर में तेंदुए ने पालतू नेपोलियन कुत्ते को मार दिया।
लगातार हो रहे हमलों से ग्रामीण अब खेतों पर अकेले जाने से कतराने लगे हैं। वे समूह में जाकर काम कर रहे हैं। विशेष रूप से चांदपुर और बरगदिया गांवों में डर का माहौल है | स्थानीय ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को कई बार सूचित किया गया, लेकिन या तो घटनाओं को नकार दिया गया या फिर खानापूर्ति कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
बाघ-तेंदुए की चहलकदमी को देखते हुए वन विभाग ने तीन टीमें गठित की हैं, जो लगातार गश्त कर रही हैं और ग्रामीणों को सतर्क कर रही हैं। लेकिन अभी तक जानवरों को जंगल की ओर खदेड़ने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
Author: Sweta Sharma
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