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संविधान पर राज्यसभा में बहस: निर्मला सीतारमण का कांग्रेस पर तीखा हमला, 5 प्रमुख बातें

संसद के शीतकालीन सत्र में संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। इस चर्चा में उन्होंने कांग्रेस पर तीखे हमले करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन, परिवारवाद, और संविधान संशोधन जैसे मुद्दों पर सवाल खड़े किए।

सीतारमण के भाषण की 5 प्रमुख बातें

1. पहली सरकार ने छीना अभिव्यक्ति का अधिकार
निर्मला सीतारमण ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने संविधान को लागू होने के एक साल के भीतर ही पहले संशोधन के जरिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया। उन्होंने कहा, “1950 में सुप्रीम कोर्ट ने ‘ऑर्गनाइजर’ और ‘क्रॉस रोड्स’ पत्रिकाओं के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके जवाब में सरकार ने संविधान संशोधन किया। यह संशोधन स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए लाया गया था।”
2. कांग्रेस पर परिवारवाद और वंशवाद का आरोप
सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने हमेशा अपने परिवार और वंशवाद को बचाने के लिए संविधान में संशोधन किए। उन्होंने कहा, “ये संशोधन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं थे, बल्कि सत्ता में बैठे परिवारों की रक्षा के लिए थे।”
3. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन
वित्त मंत्री ने कांग्रेस के कार्यकाल में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, “1949 में मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी जैसे लोगों को जेल भेजा गया। 1975 में ‘किस्सा कुर्सी का’ फिल्म पर प्रतिबंध लगाया गया, क्योंकि इसमें इंदिरा गांधी और उनके बेटे की आलोचना की गई थी।”
4. संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा
सीतारमण ने संविधान की प्रशंसा करते हुए कहा कि कई देशों ने अपने संविधानों में बदलाव कर दिए, लेकिन भारत का संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा। उन्होंने कहा, “हमारे संविधान ने लोकतंत्र की भावना को बनाए रखा है और भारत को मजबूती दी है।”
5. लालू यादव पर निशाना
सीतारमण ने लालू यादव पर भी तंज कसते हुए कहा कि “कुछ नेताओं ने 1975 की आपातकालीन स्थिति को याद रखने के लिए अपने बच्चों का नाम ‘मीसा’ रखा। अब वे उन्हीं लोगों के साथ गठबंधन करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाते।”
विपक्ष का पलटवार
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बहस के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटा और बांग्लादेश को आजाद कराया। बीजेपी को भी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अपनी आंखें खोलनी चाहिए।”
संविधान के 75 वर्षों के अवसर पर आयोजित इस चर्चा में सरकार और विपक्ष के बीच तीखा संवाद देखने को मिला। सीतारमण ने जहां कांग्रेस पर तीखे आरोप लगाए, वहीं विपक्ष ने भी अपने तर्कों के जरिए सरकार को घेरने की कोशिश की। यह बहस भारतीय लोकतंत्र के विकास और संविधान की अहमियत पर विचार करने का अवसर प्रदान करती है।

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Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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