नई दिल्ली। दिल्ली के सभी बार एसोसिएशन की समन्वय समिति ने सोमवार को प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 के विरोध करने का फ़ैसला किया है। समिति ने सर्वसम्मति से फ़ैसला लेते हुए सोमवार को दिल्ली भर की सभी जिला अदालतों में न्यायिक कार्य से पूरी तरह से दूर रहने का आह्वान किया है। समिति ने कहा है कि यह कार्रवाई प्रस्तावित विधेयक के विरोध में है, जिसे वह अन्यायपूर्ण और पक्षपातपूर्ण मानती है।
एसोसिएशन द्वारा वकीलों को भेजे गए संदेश में आग्रह किया गया है, “सदस्यों को कानूनी पेशे की गरिमा और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए इस प्रयास का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।” इसके अतिरिक्त, न्यायिक अधिकारियों से अनुरोध है कि वे उस दिन निर्धारित मामलों में कोई भी प्रतिकूल आदेश पारित करने से परहेज़ करके अपना समर्थन दिखाएँ। भारत सरकार ने हाल ही में देश में कानूनी ढांचे को बढ़ाने के उद्देश्य से मसौदा अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025 पर सार्वजनिक इनपुट मांगा है। अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य कानूनी पेशे के विनियमन को अद्यतन और बेहतर बनाना है। मूल अधिवक्ता अधिनियम, 1961 कानूनी पेशे को विनियमित करने, मुवक्किलों के हितों की रक्षा करने और अधिवक्ताओं के पेशेवर मानकों को बढ़ाने के लिए पेश किया गया था। इसने देश भर में वकीलों के आचरण और अनुशासन की देखरेख के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया और राज्य बार काउंसिल की स्थापना की। कानून और न्याय मंत्रालय ने एक प्रेस संचार के माध्यम से कहा कि सुधार के लिए अपनी निरंतर प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में, सरकार कानूनी पेशे को निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के लिए सुलभ बनाने के उद्देश्य से बदलाव ला रही है। इसने कहा कि कानूनी मामलों का विभाग समकालीन चुनौतियों का समाधान करने और बढ़ते राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करने का प्रस्ताव कर रहा है।
इन संशोधनों का उद्देश्य कानूनी पेशे और कानूनी शिक्षा को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ जोड़ना है। सुधार कानूनी शिक्षा में सुधार, वकीलों को तेजी से बदलती दुनिया की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार करने और पेशेवर मानकों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि अंतिम लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कानूनी पेशा न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज तथा विकसित राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे। इसके मद्देनजर अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025 तथा मौजूदा प्रावधानों और प्रस्तावित संशोधनों को दर्शाने वाला एक सारणीबद्ध विवरण तैयार किया गया है। विभाग मसौदा संशोधनों पर सार्वजनिक परामर्श अभ्यास के एक भाग के रूप में जनता से टिप्पणियाँ/प्रतिक्रिया आमंत्रित करता है।
