नई दिल्ली। दिल्ली, भारत की राष्ट्रीय राजधानी, गोवा और सिक्किम के बाद देश में प्रति व्यक्ति आय के मामले में तीसरे स्थान पर आ गई है। वित्त वर्ष 2023-24 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 4,61,910 रुपये थी। इस मामले में, देश में गोवा और सिक्किम के बाद राष्ट्रीय राजधानी तीसरे स्थान पर है। नवीनतम आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।यह स्थिति दिल्ली की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था, उच्च सेवा क्षेत्र, और विविध उद्योगों की वजह से संभव हुई है। दिल्ली न केवल एक प्रशासनिक केंद्र है, बल्कि यह व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है, जिसने इसके प्रति व्यक्ति आय को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया है।
आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 1,84,205 रुपये से दोगुनी से भी अधिक थी।
दिल्ली सरकार द्वारा प्रतिवर्ष जारी की जाने वाली विवरणिका में राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न सामाजिक-आर्थिक, जनसांख्यिकीय और बुनियादी ढांचे से संबंधित आंकड़ों का विवरण दिया जाता है। दिल्ली की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र पर निर्भर है, जिसमें व्यापार, बैंकिंग, वित्त, आईटी सेवाएं, और शिक्षा शामिल हैं। दिल्ली में उच्चतम आय वाले क्षेत्रों में व्यापार, सरकारी नौकरियां, और पेशेवर सेवाएं (जैसे कि चिकित्सा और कानूनी पेशे) प्रमुख हैं। इसके अलावा, दिल्ली के प्रमुख उद्योगों में निर्माण, निर्माण सामग्री, और वस्त्र निर्माण जैसे उद्योग शामिल हैं, जो इसके आर्थिक विकास में योगदान करते हैं।
इसमें शहर की प्रति व्यक्ति आय में 7.4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है।
विवरणिका के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर वाहनों की संख्या में बड़ी गिरावट देखी गई। 2020-21 में इनकी संख्या 1.22 करोड़ थी, जो 2022-23 में घटकर 79.45 लाख रह गई हैं।
इसके मुताबिक, दिल्ली में विद्यालयों की संख्या 2020-21 के 5,666 से घटकर 2023-24 में 5,497 हो गई हैं। हालांकि, इसी अवधि के दौरान, छात्रों और छात्राओं के नामांकन में वृद्धि हुई है।
दिल्ली सरकार ने बुनियादी ढांचे को सुधारने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। मेट्रो रेल परियोजना, स्मार्ट सिटी पहल, और व्यापारिक क्षेत्रों के लिए विशेष क्षेत्रीय विकास योजनाएं जैसे कदम दिल्ली को आर्थिक दृष्टि से मजबूत बना रहे हैं। इसके अलावा, दिल्ली का स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र भी प्रगति की ओर बढ़ रहा है, जो अगले वर्षों में इसे और अधिक समृद्ध बना सकता है।
गोवा और सिक्किम की प्रति व्यक्ति आय दिल्ली से थोड़ी अधिक है, लेकिन इन दोनों राज्यों की जनसंख्या कम होने के कारण उनकी अर्थव्यवस्था दिल्ली के मुकाबले छोटी है। गोवा, पर्यटन उद्योग पर निर्भर होने के कारण प्रति व्यक्ति आय के मामले में अग्रणी है, जबकि सिक्किम में कृषि और पर्यटन के साथ-साथ बायो-टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्र भी उभरते हुए हैं। दिल्ली में उच्च जनसंख्या घनत्व और विशाल बाजार होने के बावजूद, यहां की आय राष्ट्रीय औसत से बहुत अधिक है।
दिल्ली का तेजी से बढ़ता हुआ आर्थिक माहौल, यहां के उद्योगों और सेवा क्षेत्र की विविधता, और सरकारी पहल इसे एक आर्थिक रूप से संपन्न और उच्च प्रति व्यक्ति आय वाला राज्य बना रहे हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ-साथ नागरिकों की जीवनस्तरीय सुधार में भी योगदान कर रहा है।
