मणिपुर में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवाएं अगले दो दिनों के लिए बंद कर दी गई हैं और कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। वहीं, मणिपुर सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर राज्य के छह पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) को पूरी तरह हटाने की मांग की है।
AFSPA हटाने की मांग
-
मणिपुर सरकार ने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है कि राज्य में AFSPA का प्रभाव पूरी तरह समाप्त किया जाए।
-
केंद्र सरकार ने हाल ही में हिंसा प्रभावित जिरीबाम और अन्य पांच पुलिस थाना क्षेत्रों में AFSPA फिर से लागू किया था।
-
मैतेई नागरिक समाज संगठन COCOMI ने AFSPA हटाने और 24 घंटे के भीतर कुकी उग्रवादियों पर सैन्य कार्रवाई की मांग की है।
क्या है AFSPA और इसका प्रभाव?
AFSPA एक विशेष कानून है, जो सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में विशेष अधिकार प्रदान करता है। इसे हिंसा और उग्रवाद को नियंत्रित करने के लिए लागू किया जाता है, लेकिन इसे हटाने की मांग लंबे समय से विवाद का विषय रही है।
स्थिति कैसे बिगड़ी?
11 नवंबर को मणिपुर की इंफाल घाटी में एक परिवार के छह सदस्य लापता हो गए थे। बाद में उनके शव असम बॉर्डर पर एक नदी से बरामद हुए।
-
इस घटना से मैतेई समुदाय के लोग भड़क गए और हिंसा फैल गई।
-
उग्र भीड़ ने मुख्यमंत्री के घर में तोड़फोड़ की और सात विधायकों के घरों को निशाना बनाया।
-
सड़कों पर गाड़ियों में आग लगा दी गई, जिससे हालात बेकाबू हो गए।
सेना और सुरक्षा बलों का दावा
सेना और सुरक्षा बलों ने दावा किया है कि घाटी में फिलहाल हालात स्थिर हैं। हालांकि, सड़कों पर स्थिति सामान्य होने में अभी समय लग सकता है।
एहतियाती कदम
-
इंटरनेट सेवाएं अगले दो दिनों के लिए बंद।
-
हिंसा प्रभावित जिलों में कर्फ्यू लागू।
-
सेना और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है।
सरकार और समाज की मांग
राज्य में शांति बहाल करने और हिंसा पर काबू पाने के लिए सभी पक्ष AFSPA हटाने और उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.