आषाढ़ी एकादशी: देवशयनी एकादशी पर पीएम मोदी, फडणवीस और शिंदे ने दी शुभकामनाएं
निश्चय टाइम्स, डेस्क। हिंदू धर्म में आज आषाढ़ी एकादशी यानी देवशयनी एकादशी का व्रत पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रती को अक्षय फल प्राप्त होते हैं। आषाढ़ी एकादशी को विशेष इसलिए भी महत्व दिया जाता है क्योंकि इसके बाद चार महीने तक भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। इसी दिन से चतुर्मास की शुरुआत भी होती है, जब साधक एक जगह रहकर साधना करते हैं और तपस्या में लग जाते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पावन अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “देशवासियों को आषाढ़ी एकादशी की असीम शुभकामनाएं। यह पावन अवसर हर किसी के लिए फलदायी सिद्ध हो, यही कामना है।” एक अन्य पोस्ट में उन्होंने भगवान विट्ठल जी का आशीर्वाद मांगा और कहा कि भगवान विट्ठल हमें सुखी और समृद्ध समाज की ओर ले जाते रहें और हम गरीबों और वंचितों की सेवा करते रहें।

महाराष्ट्र में आषाढ़ी एकादशी को “पंढरपुर यात्रा” के रूप में भी विशेष रूप से मनाया जाता है। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भगवान विट्ठल के चरणों में पूजा-अर्चना की और राज्यवासियों के सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। उन्होंने अपनी पत्नी और बेटी के साथ पंढरपुर में महापूजा की और भगवान विठ्ठल-रुक्मिणी के दर्शन कर मन को प्रसन्नता मिली। फडणवीस ने किसानों, मेहनतकश लोगों और पूरे राज्य के विकास के लिए भी प्रार्थना की। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी मुंबई के वडाला स्थित श्री विट्ठल मंदिर में पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों को आषाढ़ी एकादशी की शुभकामनाएं दीं। इस पर्व पर महाराष्ट्र सहित पूरे देश में लोग भगवान विष्णु और विट्ठल की भक्ति में लीन रहते हैं और उपवास रखते हुए अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

आषाढ़ी एकादशी की यह परंपरा सनातन धर्म में सदियों से चली आ रही है। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि सामाजिक रूप से भी यह लोगों को एकजुट करने और संयम की शिक्षा देने वाला पर्व है। भक्तजन इस दिन विशेष पूजा करते हैं, धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और भगवान विष्णु के प्रति अपने मन की श्रद्धा प्रकट करते हैं। इस प्रकार, आषाढ़ी एकादशी का त्योहार भारतीय संस्कृति की समृद्धि, आध्यात्मिकता और धार्मिकता का प्रतीक है। देश के प्रमुख नेताओं द्वारा इस पर्व पर दी गई शुभकामनाएं इसे और भी विशेष बनाती हैं, जो समाज में सकारात्मक ऊर्जा और भक्ति भावना का संचार करती हैं।





