कानपुर: शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत गरीब बच्चों को शिक्षा का अवसर सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार को नवीन सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में डीएम ने साफ कहा, “गरीब बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दूंगा। कमेटी द्वारा आवंटित नामों के आधार पर बच्चों का हर हाल में स्कूलों में प्रवेश कराया जाएगा।”
बैठक में 40 स्कूलों के प्रधानाचार्य और प्रबंधक उपस्थित रहे, जबकि 5 स्कूलों — प्रताप इंटरनेशनल स्कूल, एस्कॉर्ट वर्ल्ड स्कूल, सीएचएस स्कूल, ऑक्सफोर्ड मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, और कॉरवर पब्लिक स्कूल — गैरहाजिर पाए गए, जिन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है।
डीएम ने बताया कि 45 विद्यालयों का आरटीई प्रवेश रिकॉर्ड खराब है, जिनमें या तो प्रवेश की संख्या बहुत कम है या बच्चों को प्रवेश ही नहीं दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी स्कूल ने नामांकन से इनकार किया या बच्चों को “आउट ऑफ वार्ड” बताकर मना किया, तो उस पर शासकीय आदेशों की अवहेलना मानते हुए मान्यता रद्द करने और जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में सीडीओ दीक्षा जैन, एडीएम न्यायिक, जिला विद्यालय निरीक्षक, बीएसए और खंड शिक्षा अधिकारी भी मौजूद थे। डीएम ने सभी स्कूलों को शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
यह कदम जिले में शिक्षा को समावेशी और सभी वर्गों के लिए सुलभ बनाने की दिशा में एक सशक्त संदेश है।
Author: Sweta Sharma
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