02 अक्टूबर, गुरुवार को पूरे देशभर में दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस पर्व को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, जो अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। मान्यता है कि इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। तभी से इस दिन रावण दहन और शस्त्र पूजन की परंपरा चली आ रही है।
दशहरा कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार दशमी तिथि का आरंभ 1 अक्टूबर, बुधवार की शाम 7 बजकर 2 मिनट पर होगा और समापन 2 अक्टूबर, गुरुवार की शाम 7 बजकर 2 मिनट पर होगा। उदय तिथि 2 अक्टूबर को पड़ने के कारण इस दिन दशहरा मनाया जाएगा।
शस्त्र पूजन का शुभ मुहूर्त
2 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 9 मिनट से 2 बजकर 56 मिनट तक का समय शस्त्र पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि विजय मुहूर्त में किए गए कार्य से व्यक्ति को कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। इस समय नए कार्य की शुरुआत, नया सामान खरीदना या पूजन करना विशेष रूप से शुभ फलदायी रहता है।
रावण दहन का शुभ समय
2 अक्टूबर की शाम प्रदोष काल में 6 बजकर 6 मिनट से 7 बजकर 19 मिनट तक रावण दहन का श्रेष्ठ समय रहेगा। यदि आवश्यक हो, तो इसे 7 बजकर 45 मिनट तक भी किया जा सकता है। इस अवधि में रावण दहन करने से शुभ फल मिलता है और बुराइयों पर विजय का संदेश मिलता है।
रावण दहन के बाद करें यह उपाय
धार्मिक मान्यता है कि रावण दहन के बाद उसमें बची राख या लकड़ी का एक छोटा हिस्सा घर लाना चाहिए। इसे ऐसे स्थान पर रखें जहां किसी की नजर न पड़े। माना जाता है कि ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और सकारात्मक ऊर्जा व सुख-समृद्धि का संचार होता है।
