दिसपुर : असम में गुरुवार शाम को भूकंप के झटके महसूस किए गए। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह झटके शाम करीब 4:30 बजे आए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई। भूकंप का केंद्र कामपुर टाउन से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित था। राहत की बात यह है कि अभी तक किसी भी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
भूकंप का इतिहास और भौगोलिक स्थिति
असम एक ऐसा राज्य है, जो पूर्वोत्तर भारत के भूकंप प्रवण क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र में पहले भी कई बार भूकंप आए हैं, जिनमें सबसे भीषण भूकंप 15 अगस्त 1950 को दर्ज किया गया था। उस दिन, 8.6 तीव्रता के भूकंप ने पूरे असम और उसके सीमावर्ती इलाकों को हिला कर रख दिया था। इस भूकंप से नदियों ने अपने तटबंध तोड़ दिए थे, और भूस्खलन ने हिमालय की घाटियों को अवरुद्ध कर दिया था, जिससे शहर, गांव, और चाय के बागान तबाह हो गए थे।
भूकंप का कारण: पृथ्वी की प्लेट्स
भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे की प्लेट्स के टकराने और घर्षण से होते हैं। पृथ्वी के अंदर कुल 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट्स ज्यादा दबाव झेलती हैं और आपस में टकराती हैं, तो वे फॉल्ट लाइन के आस-पास तनाव उत्पन्न करती हैं। इस तनाव का अचानक रिलीज होना ही भूकंप का कारण बनता है। इस प्रक्रिया के तहत ऊर्जा बाहर निकलती है, जिससे धरती हिलने लगती है।
रिक्टर स्केल का महत्व
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए *रिक्टर स्केल* का इस्तेमाल किया जाता है, जो 1 से 9 के पैमाने पर भूकंप की ताकत को मापता है। यह तीव्रता भूकंप के केंद्र या एपीसेंटर से मापी जाती है, और इसी के आधार पर भूकंप की गंभीरता का अनुमान लगाया जाता है।
इस बार भले ही असम में 4.3 तीव्रता के भूकंप से कोई खास नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह हमें याद दिलाता है कि यह क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है, और सतर्कता जरूरी है।
Author: Sweta Sharma
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