निश्चय टाइम्स, डेस्क। निर्वाचन आयोग ने पिछले छह महीनों में चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और बेहतर बनाने के उद्देश्य से 29 महत्वपूर्ण पहल की हैं। इसी क्रम में निर्वाचन आयोग ने अपनी 30वीं पहल के अंतर्गत देरी को कम करने और स्पष्टता बढ़ाने के लिए डाक मतपत्रों की गिनती की प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करने का निर्णय लिया है। (अनुलग्नक) मतगणना प्रक्रिया के दो प्रमुख भाग हैं: डाक मतपत्रों/इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्रों (ईटीपीबी) की गिनती; ईवीएम के माध्यम से गिनती।
- मतगणना के दिन डाक मतपत्रों की गिनती सुबह 8 बजे और ईवीएम की गिनती सुबह 8:30 बजे शुरू होती है। पूर्व निर्देशों के अनुसार डाक मतपत्रों की गिनती के चरण की परवाह किए बिना सैद्धांतिक रूप से ईवीएम की गिनती जारी रह सकती है और डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने से पहले इसके पूरा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
- दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों (85 वर्ष से अधिक) के लिए घर से मतदान हेतु आयोग द्वारा हाल ही में की गई पहलों के मद्देनजर डाक मतपत्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- यद्यपि डाक मतपत्रों की गिनती आमतौर पर ईवीएम की गिनती से पहले पूरी हो जाती है। फिर भी मतगणना प्रक्रिया में एकरूपता और अत्यधिक स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने निर्णय लिया है कि अब से ईवीएम/वीवीपैट की गिनती का अंतिम से पहले वाला (दूसरे अंतिम) दौर डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने के बाद ही मतगणना केंद्र पर शुरू किया जाएगा। जहाँ डाक मतपत्रों की गिनती की जा रही है।
- आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि जहाँ डाक मतपत्रों की संख्या अधिक हो तो वहाँ रिटर्निंग अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्याप्त संख्या में टेबल और मतगणना कर्मचारी मौजूद हों ताकि कोई देरी न हो और मतगणना प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित किया जा सके।
