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निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की

निश्चय टाइम्स, डेस्क। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बुधवार को निर्वाचन सदन में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। मुख्य चुनाव आयुक्त कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ आयोग ने पार्टी प्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई चिंताओं, मुद्दों और प्रश्नों को सुना और उनके लिए बिहार में चल रहे पूरे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को डिकोड किया जो सुचारू रूप से आगे बढ़ रहा है। राजनीतिक दल जिसमें – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – शरदचंद्र पवार, झारखंड मुक्ति मोर्चा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) शामिल थे।
निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया योजनाबद्ध, संरचित और चरणबद्ध तरीके से संचालित की जा रही है, जिससे सभी पात्र नागरिकों को इसमें शामिल किया जा सके। राज्य भर में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1,54,977 बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की सक्रिय भागीदारी भी यह सुनिश्चित कर रही है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राजनीतिक दलों से आगे आकर मतदाताओं को नामांकन में सहायता करने और प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और सहभागी बनाने के लिए और भी अधिक बीएलए नियुक्त करने का आह्वान किया।
पहले चरण में , 25 जून से 3 जुलाई 2025 तक, गणना फॉर्म (ईएफ) मुद्रित किए जा रहे हैं और बिहार के लगभग 7.90 करोड़ मतदाताओं को वितरित किए जा रहे हैं। निर्वाचक निबंधन अधिकारी (ईआरओ) 23 जून 2025 तक के मौजूदा रिकॉर्ड के आधार पर आंशिक रूप से पहले से भरे हुए फॉर्म 77,895 बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) के माध्यम से उपलब्ध करा रहे हैं, जिन्हें इस अभ्यास के लिए लगाया गया है और आगे 20,603 बूथ स्तर के अधिकारियों नियुक्त किए जा रहे हैं। ये बूथ स्तर के अधिकारी उन सभी 7.90 करोड़ मतदाताओं के घर-घर जाकर गणना फॉर्म पहुंचा रहे हैं, जिनके नाम 24 जून 2025 (विशेष गहन पुनरीक्षण आदेश जारी होने की तारीख) तक मतदाता सूची में हैं। इसके अलावा, फॉर्म भारत निर्वाचन आयोग के पोर्टल ( https://voters.eci.gov.in ) पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं और राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तर के एजेंट भी प्रति दिन 50 प्रमाणित फॉर्म जमा कर सकते हैं।
दूसरे चरण में , गणना फॉर्म भरे जाएंगे और 25 जुलाई 2025 से पहले जमा किए जाने हैं। इस प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए, बूथ स्तर के अधिकारियों के साथ-साथ मतदाताओं की सहायता के लिए स्वयंसेवक उपलब्ध हैं। मतदाताओं के लिए प्रक्रिया को सहज बनाने और वृद्ध, बीमार, दिव्यांग व्यक्तियों, गरीबों और अन्य कमजोर समूहों की मदद करने के लिए लगभग 4 लाख स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है, जिनमें सरकारी अधिकारी, एनसीसी कैडेट, एनएसएस आदि शामिल हैं।
जिन मतदाताओं के नाम 1 जनवरी 2003 को मतदाता सूची में मौजूद हैं, उन्हें केवल सूची के एक अंश के साथ गणना प्रपत्र जमा करना होगा, अन्य कोई दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं है (2003 का चुनावी डेटाबेस https://voters.eci.gov.in पर उपलब्ध है )। 2003 की सूची में सूचीबद्ध नहीं होने वालों को अपनी जन्मतिथि के अनुसार जन्म तिथि/जन्म स्थान के लिए एक दस्तावेज़ (11 दस्तावेज़ों की सांकेतिक सूची में से) जमा करना होगा।अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी। सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को हार्ड और सॉफ्ट कॉपी निःशुल्क दी जाएगी और निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी। ईआरओ के निर्णय से असंतुष्ट कोई भी मतदाता आदेश के पंद्रह दिनों के अंदर आरपी अधिनियम, 1950 की धारा 24 (ए) के तहत जिला मजिस्ट्रेट को अपील कर सकता है। यदि मतदाता आदेश के 30 दिनों के भीतर असंतुष्ट रहता है तो धारा 24 (बी) के तहत मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आगे की अपील की जा सकती है।

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Author: ntuser1

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