दिल्ली में आयोजित तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस विवादों में घिर गई है। दरअसल, इस कार्यक्रम में महिला पत्रकारों को एंट्री नहीं दी गई, जिसके बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। मुत्ताकी इस समय 7 दिन के भारत दौरे पर हैं और शुक्रवार को उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। इसके बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न किए जाने पर जमकर आलोचना हो रही है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वास्तव में महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करते हैं, तो फिर यह “भारत की सक्षम महिलाओं का अपमान” कैसे होने दिया गया? प्रियंका गांधी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि अगर महिला सम्मान सिर्फ चुनावी वादों तक सीमित नहीं है, तो सरकार को इस घटना पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी इसे निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं बुलाया गया है, तो उन्हें इसका बहिष्कार करना चाहिए था। उन्होंने इसे पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों के खिलाफ बताया।
कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने भी इस मुद्दे पर सरकार और विदेश मंत्री जयशंकर की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि “तालिबान के भेदभावपूर्ण रिवाजों को मानना बेहद निराशाजनक और शर्मनाक है।”
बता दें कि तालिबान मंत्री मुत्ताकी 9 से 16 अक्टूबर तक भारत दौरे पर हैं। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद यह पहला उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल है जो भारत आया है। मुत्ताकी ने अपनी यात्रा के दौरान भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मज़बूत करने पर चर्चा की।
