दमोह, मध्य प्रदेश: दमोह के एक प्राइवेट मिशनरी अस्पताल में फर्जी डॉक्टर द्वारा की गई हार्ट सर्जरी से कम से कम 7 मरीजों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपी नरेंद्र विक्रमादित्य यादव खुद को ब्रिटेन के हार्ट सर्जन डॉ. एन जॉन केम बताकर पेश कर रहा था और बिना किसी मान्यता के गंभीर ऑपरेशन कर रहा था। इस फर्जी डॉक्टर ने जाली दस्तावेजों के आधार पर अस्पताल में नौकरी हासिल की और आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत भी इलाज कर सरकारी फंड का दुरुपयोग किया। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष दीपक तिवारी ने आशंका जताई है कि मौत का आंकड़ा 7 से कहीं अधिक हो सकता है।
जांच में पता चला है कि आरोपी पर पहले से ही हैदराबाद में मामला दर्ज है। उसने 2023 में योगी आदित्यनाथ से जुड़ी फर्जी पोस्ट भी वायरल की थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने इस मामले को बेहद गंभीर बताया और कहा कि आयोग ने संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है।
दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर और एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि जांच जारी है और आरोपी की तलाश के लिए पुलिस की विशेष टीम गठित कर दी गई है। फिलहाल आरोपी फरार है लेकिन प्रशासन ने जल्द गिरफ्तारी का भरोसा जताया है।
मृतकों के परिजनों में भारी आक्रोश है और उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह मामला प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
Author: Sweta Sharma
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