Prayagraj: प्रयागराज में इस वर्ष माघ मेला एक नए और भव्य रूप में दिखाई देगा। पहली बार महाकुंभ के अमृत स्नान की तर्ज पर “पर्व स्नान” का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन उतना ही भव्य और पारंपरिक होगा जितना महाकुंभ का शाही स्नान माना जाता है। पर्व स्नान के लिए जगद्गुरु, रामानंदाचार्य, महामंडलेश्वर, द्वाराचार्य, संत, महंत और श्री महंत का विशेष जुलूस निकाला जाएगा।
माघ मेला पौष पूर्णिमा से शुरू होगा और देशभर के संत–महात्माओं के साथ काशी के मठों, मंदिरों व अखाड़ों ने संगम तट पर अपने-अपने कैंप लगाने की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। शंकराचार्य सहित कई प्रमुख परंपराओं के आध्यात्मिक नेता भी इस बार कैंप स्थापित करेंगे। खाक चौक के प्रधान जगद्गुरु संतोषाचार्य सतुआ बाबा ने बताया कि इस बार मेला महाकुंभ के बाद उतना ही भव्य और ऐतिहासिक रूप ले रहा है।
उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु महाकुंभ में अमृत स्नान नहीं कर पाए थे, उनके लिए पर्व स्नान एक विशेष अवसर होगा। मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी पर भी अमृत स्नान की तरह ही पर्व स्नान आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। सतुआ बाबा ने बताया कि कैंप लगाने हेतु जमीन का आवंटन 4 और 5 दिसंबर से शुरू होगा। इस बार 300 बीघा भूमि की मांग की गई है ताकि सभी मठ–मंदिर और अखाड़ों को पर्याप्त स्थान मिल सके।
माघ मेले के प्रमुख स्नान पर्व भी घोषित कर दिए गए हैं। मेला 3 जनवरी 2026 को पौष पूर्णिमा से शुरू होगा। मौनी अमावस्या 18 जनवरी को, वसंत पंचमी 1 फरवरी को और महाशिवरात्रि स्नान 15 फरवरी को आयोजित होगा।





