नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेंगे। इस बात की पुष्टि भारत के विदेश मंत्रालय ने की है। यह बैठक क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सदस्य देशों के बीच चर्चा के लिए आयोजित की जा रही है।
जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा को कूटनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, और ऐसे में जयशंकर का पाकिस्तान जाना एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है।
SCO बैठक का उद्देश्य
SCO की यह बैठक मुख्य रूप से क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है, जिसमें चीन, रूस, और मध्य एशियाई देशों के साथ सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी। इस बैठक में जयशंकर की उपस्थिति से भारत की भूमिका और उसके क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ावा मिलेगा।
जयशंकर के बेबाक अंदाज पर रहेगी नजर
जयशंकर अपने स्पष्ट और बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में जब वह पाकिस्तान की धरती पर होंगे, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कौन से मुद्दों को उठाते हैं और उनका रुख क्या रहता है। उनकी इस यात्रा पर दुनिया भर की नजरें टिकी रहेंगी, क्योंकि यह यात्रा न केवल भारत और पाकिस्तान के संबंधों को प्रभावित कर सकती है, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति पर भी असर डाल सकती है।
द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से अहम यात्रा
भारत और पाकिस्तान के बीच कई मुद्दों पर तनाव बना हुआ है, ऐसे में यह देखना अहम होगा कि जयशंकर की यात्रा से संबंधों में कोई सकारात्मक बदलाव आता है या नहीं। हालांकि, यह यात्रा एससीओ की बैठक का हिस्सा है, लेकिन इसका प्रभाव व्यापक हो सकता है, खासकर जब क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को लेकर चर्चा होगी।
जयशंकर की यह पाकिस्तान यात्रा न केवल भारत के कूटनीतिक प्रयासों को मजबूत करेगी, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। ऐसे में इस यात्रा से क्या नतीजे निकलते हैं, इस पर सभी की नजरें रहेंगी।

Author: Sweta Sharma
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