बेटे की मौत के मामले में दर्ज हुई FIR पर दिया बड़ा बयान
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने अपने बेटे की मौत के मामले में दर्ज हुई एफआईआर पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्हें किसी से डर नहीं है, और अगर जांच में वह दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें फांसी दे दी जाए। हाल ही में मोहम्मद मुस्तफा, उनकी पत्नी, बेटी और बहू के खिलाफ उनके बेटे की संदिग्ध मौत के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी।
मुस्तफा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जिस व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है, वह एक राजनेता के इशारे पर काम कर रहा है। मैं किसी का भय नहीं मानता। अगर कोई थाने में शिकायत देता है तो पुलिस का कर्तव्य है कि वह रिपोर्ट दर्ज करे। उसने एक पैराग्राफ की शिकायत दी, और पुलिस ने उसे एफआईआर में बदल दिया, मैं इसका स्वागत करता हूं और जांच में पूरा सहयोग दूंगा।”
पूर्व डीजीपी ने कहा कि यह पूरा मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। कुछ लोग उनके परिवार की इस दर्दनाक घटना का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “एक पिता के लिए अपने बेटे को खोना सबसे बड़ा दुख होता है, लेकिन कुछ लोग इस त्रासदी को राजनीति से जोड़कर मेरा नाम बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर मैं दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दी जाए।”
मुस्तफा ने आगे कहा कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने हमेशा ईमानदारी और सच्चाई का साथ दिया है। उन्होंने मांग की कि बेटे की मौत की जांच निष्पक्ष रूप से होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद मुस्तफा और उनके परिवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और अब बयान दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। इस पूरे मामले ने सहारनपुर की राजनीति में हलचल मचा दी है। कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
मोहम्मद मुस्तफा ने कहा, “मैंने हमेशा कानून का सम्मान किया है। अब मैं चाहता हूं कि वही कानून निष्पक्ष रूप से काम करे — निर्दोष को न्याय मिले और दोषी को सजा।”
यह मामला अब सहारनपुर पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, क्योंकि जनता और राजनीतिक वर्ग दोनों की नजरें जांच की पारदर्शिता पर टिकी हैं।





