निश्चय टाइम्स, लखनऊ। उत्तर भारत में लगातार हो रही बारिश के चलते उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, बहराइच और कन्नौज सहित विभिन्न जिलों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर बाढ़ से निपटने के लिए व्यापक इंतज़ाम किए हैं।
प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नतीजतन नागवासुकी, छोटा बघाड़ा, सलोरी, दारागंज और कछारी जैसे निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है। हालांकि अभी दोनों नदियां खतरे के निशान (84.73 मीटर) से नीचे बह रही हैं, लेकिन बढ़ता जलस्तर चिंता का कारण बना हुआ है। प्रशासन ने एहतियातन निचले इलाकों को खाली कराना शुरू कर दिया है और लोगों को राहत शिविरों में भेजा जा रहा है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे सक्रिय रखा गया है, जहां जल निगम, जलकल, स्वास्थ्य विभाग और एनडीआरएफ की टीमें समन्वय में काम कर रही हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
वाराणसी से मिली जानकारी के अनुसार, गंगा का जलस्तर 68.70 मीटर तक पहुंच चुका है, जो चेतावनी बिंदु (70.26 मीटर) से केवल 1.56 मीटर नीचे है। इससे घाटों के पास रहकर आजीविका चलाने वाले नाविकों और छोटे दुकानदारों की आजीविका पर संकट गहराने लगा है। केंद्रीय जल आयोग की निगरानी में सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए पूरी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।





