भारत समेत दुनियाभर में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। इस गिरावट से शादी-विवाह के सीजन में खरीदारी करने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है। वहीं, ऊंचे भाव पर निवेश करने वालों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि कीमती धातुओं की कीमतें रिकॉर्ड स्तर से नीचे आ चुकी हैं।
दिल्ली के सर्राफा बाजार में 17 अक्टूबर को 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,34,800 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। वहीं, चांदी ने 14 अक्टूबर को ₹1,85,000 प्रति किलोग्राम का ऑल-टाइम हाई छू लिया था। इसके बाद से ही दोनों धातुओं में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
4 नवंबर को बाजार बंद होने तक सोने की कीमत ₹1,24,100 प्रति 10 ग्राम रही, जो एक ही दिन में ₹1,200 रुपये की गिरावट दर्शाती है। चांदी भी ₹2,500 रुपये की गिरावट के साथ ₹1,51,500 रुपये प्रति किलो पर आ गई। इस हिसाब से सोना अपने रिकॉर्ड हाई से ₹10,700 रुपये सस्ता, जबकि चांदी ₹33,500 रुपये तक सस्ती हो चुकी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस भारी गिरावट की मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डॉलर की मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों में बदलाव है। हाल ही में फेड के कई अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि ब्याज दरों में तत्काल कटौती की संभावना कम है। इससे निवेशकों का रुख सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने और चांदी से हटता जा रहा है।
इसके अलावा, अमेरिका-चीन व्यापार समझौते में प्रगति और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं में कमी भी कीमती धातुओं की मांग पर असर डाल रही है। जब निवेशक जोखिम वाले बाजारों में लौटते हैं, तो सोना और चांदी की कीमतें अक्सर नीचे जाती हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट लंबे समय तक नहीं टिक सकती। जैसे ही वैश्विक परिस्थितियों में अस्थिरता बढ़ेगी, सोने-चांदी की कीमतों में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है। फिलहाल, जो ग्राहक खरीदारी की सोच रहे हैं, उनके लिए यह सोना और चांदी खरीदने का सुनहरा मौका साबित हो सकता है।





