मोहित मौर्या
निश्चय टाइम्स, डेस्क। कृषि और ग्रामीण विकास भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कृषि देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 18% का योगदान करता है और लगभग 50% कार्यबल को रोजगार प्रदान करता है। यह देश की बढ़ती आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है, आवश्यक खाद्यान्न, फल, सब्जियां और अन्य फसलें प्रदान करती है। कृषि लाखों ग्रामीण परिवारों के लिए आय का प्राथमिक स्रोत है, जो उनकी आजीविका और कल्याण का समर्थन करती है। कृषि सीधे और परोक्ष रूप से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करती है, जिसमें खेती, प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग शामिल हैं। कृषि उत्पाद भारत की निर्यात आय में योगदान करते हैं, जिसमें चावल, गेहूं, कपास और मसाले जैसे प्रमुख निर्यात उत्पाद शामिल हैं। सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएँ शुरू की हैं जो कृषि उत्पादन बढ़ाने, किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं। इन योजनाओं में वित्तीय सहायता, आधुनिक तकनीक और कौशल का प्रशिक्षण शामिल है। 2025 तक, बजट में ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम’ जैसी नई योजनाएँ शामिल की गई हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार और उत्पादन बढ़ाने पर केंद्रित हैं।
कृषि और ग्रामीण विकास से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार होता है, क्षेत्रीय रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं और गरीबी कम होती है। ये सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद करते हैं, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता, सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है। निष्कर्षत, कृषि और ग्रामीण विकास भारत के विकास में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। आइए कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं पर एक नज़र डालते हैं:
1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य छोटे और मध्यम किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के मुख्य बिंदु हैं: प्रत्येक पात्र कृषक परिवार को 6,000 रुपये की वार्षिक सहायता, 11 करोड़ से अधिक किसानों तक लाभ पहुंचाए जाने की संभावना, छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता, किसानों की वार्षिक आय बढ़ाने में मदद, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद तथा उनके जीवन स्तर में सुधार। यह योजना किसानों की आय को बढ़ावा देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है।
2. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) का उद्देश्य अनाज, दलहन, तिलहन और अन्य फसलों का उत्पादन बढ़ाना है। इस योजना के मुख्य बिंदु हैं: खाद्य संप्रभुता प्राप्त करना और खाद्य असुरक्षा से बचना, किसानों को बीज, उर्वरक और तकनीकी सहायता प्रदान करना। खाद्य कीमतों को स्थिर रखना और फसल उत्पादन में 20-30% की वृद्धि करना। यह योजना देश के 638 जिलों में लागू की जा रही है और इसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाना है।
3. राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन पाम ऑयल (NMEO-OP) का उद्देश्य तेल उत्पादन बढ़ाना है। इस योजना के मुख्य बिंदु हैं: पाम ऑयल की खेती को बढ़ावा देना और तेल उत्पादन बढ़ाना, किसानों को सब्सिडी और प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन, 2025 तक तेल आयात को कम करने में मदद करना, दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों में विशेष रूप से प्रभावी।
यह योजना देश में तेल उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करेगी।
4. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के मुख्य बिंदु हैं:
बाढ़, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई, किसानों को प्रीमियम पर 50-90 प्रतिशत सब्सिडी, 2025 में दावों का भुगतान तेजी से करने के लिए डिजिटल बनाया गया, किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा की गारंटी।
यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करती है और उनकी आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा देती है।
5. राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी): यह सामाजिक सुरक्षा योजना वृद्धों, विधवाओं, विकलांगों और गरीब परिवारों को पेंशन और सहायता प्रदान करती है। इसकी निगरानी ग्रामीण मामलों के मंत्रालय द्वारा की जाती है। 2025 में, डिजिटल भुगतान के जरिए इसे और प्रभावी बनाया गया है।
6. जल जीवन मिशन (JJM): भारत में प्रत्येक व्यक्ति तक स्वच्छ जल की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए 2019 में जल जीवन मिशन (JJM) शुरू किया गया था और यह अभी भी जारी है। सरकार का लक्ष्य 2028 तक ग्रामीण परिवारों को 100% नल कनेक्शन प्रदान करना है। 2025 तक, 80% कवरेज हासिल कर लिया गया है। कृषि विकास के लिए जल के महत्व को देखते हुए, यह योजना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
7. ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम 2025 का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना और कृषि बेरोज़गारी को कम करना है। इस योजना के द्वारा ग्रामीण प्रवास को कम किया जाएगा और क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
8. आयुष्मान सहकार योजना के मुख्य बिंदु हैं: सहकारी समितियों को स्वास्थ्य ढांचे में सुधार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना, 10,000 करोड़ रुपये का बजट, भारत में 100 मिलियन से ज्यादा लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद, ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच में सुधार।
9.मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के मुख्य बिंदु हैं: भूमि की मृदा स्वास्थ्य में सुधार और उत्पादकता बढ़ाना, किसानों को मृदा स्वास्थ्य सुधारने के लिए सुझाव, पोषक तत्वों की कमी की पहचान, पर्यावरण की सुरक्षा, उर्वरकों पर पैसा बचाने और फसल उत्पादकता बढ़ाने में मदद देना है।
अतः हम यह कह सकते हैं कि, कृषि और ग्रामीण विकास भारत के विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान करता है और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करता है। सरकार और अन्य हितधारकों को कृषि और ग्रामीण विकास के लिए निवेश बढ़ाने, किसानों को समर्थन देने और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए। इससे देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी, ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार होगा और गरीबी कम होगी। सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ और समर्थन किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं और देश की कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने में मदद करेंगे।




