नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सिख फॉर जस्टिस (SFJ) संगठन पर लगे प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। SFJ पर यह कार्रवाई देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए की गई है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह संगठन पंजाब और अन्य स्थानों पर राष्ट्रविरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त है।
सिख फॉर जस्टिस पर आरोप
सरकार ने अपने फैसले में साफ किया है कि SFJ उन गतिविधियों में लिप्त है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली हैं। संगठन पर पहले भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का आरोप लगता रहा है, और इसको लेकर पहले से ही प्रतिबंध लगाया गया था। अब इस प्रतिबंध को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना
गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए SFJ को देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया। पंजाब सहित अन्य राज्यों में SFJ की गतिविधियों को सरकार ने राष्ट्रविरोधी करार दिया है। गृह मंत्रालय के अनुसार, यह संगठन देश में अलगाववाद को बढ़ावा देने और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहा है।
पन्नू का ‘नो इंडिया’ बयान
इस बीच, SFJ के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला और ‘नो इंडिया’ बयान दिया। पन्नू के भड़काऊ बयानों को लेकर सरकार पहले भी सतर्क रही है और SFJ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का यह एक और कदम है।
प्रतिबंध का कारण
सरकार के अनुसार, SFJ भारत के भीतर और बाहर के तत्वों के साथ मिलकर अलगाववाद को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। इसका मकसद भारतीय संविधान के खिलाफ गतिविधियां संचालित करना और देश की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालना है।
यह प्रतिबंध भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए उठाया गया एक अहम कदम है, और सरकार ने SFJ जैसी राष्ट्रविरोधी संगठनों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया है।
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Author: Sweta Sharma
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