[the_ad id="4133"]
Home » इंडिया » उत्तर प्रदेश » “सरस मेला” का भव्य समापन – भारतीय संस्कृति, कला का अनूठा संगम

“सरस मेला” का भव्य समापन – भारतीय संस्कृति, कला का अनूठा संगम

लखनऊ। उत्तराखंड भवन, विभूति खंड, गोमती नगर में 30 मार्च से 8 अप्रैल 2025 तक आयोजित “सरस मेला” का भव्य समापन हुआ। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित इस मेले ने भारतीय हस्तशिल्प, लोकसंस्कृति और पारंपरिक उत्पादों के जीवंत रूप को लोगों के सामने प्रस्तुत किया। देशभर से आई महिला स्वयं सहायता समूहों ने इस मेले में भाग लिया, जिन्होंने अपने हाथों से बनाए हुए विशिष्ट उत्पादों को प्रदर्शित किया। मेले में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का आँवला, गोरखपुर का टेराकोटा, उन्नाव व कानपुर देहात की साड़ियाँ, बागपत की बेडशीट्स, बिहार के पारंपरिक खिलौने, अचार व पापड़, और ओडिशा, केरल, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल व असम से लाई गई शिल्पकलाएं मुख्य आकर्षण रहीं।

मेले के समापन समारोह में लोकगायिका उपमा पांडे ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से समां बांध दिया। साथ ही पर्वतीय महापरिषद, उत्तर प्रदेश की सहभागिता ने इस सांस्कृतिक शाम को और भी रंगीन बना दिया। उपमा पांडे के लोकगीतों ने श्रोताओं को भारत की लोकसंगीत परंपरा से जोड़ते हुए भावविभोर कर दिया। सरस मेला” केवल खरीदारी का माध्यम नहीं था, बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा जैसा अनुभव था, जहाँ देश के कोने-कोने से आई कला, परंपरा और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिला। यह मेला महिला सशक्तिकरण का उदाहरण भी बना, जहाँ महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को खरीदने के लिए लोगों में खासा उत्साह देखा गया।

सरस मेले की सफलता से यह साबित हुआ कि भारत की हस्तशिल्प और सांस्कृतिक विरासत न केवल जीवंत है, बल्कि देशवासियों के दिलों में इसके लिए गहरा सम्मान और आकर्षण भी है। इस प्रकार यह मेला भारतीय संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने का एक प्रभावी माध्यम साबित हुआ और लखनऊवासियों के लिए यादगार बन गया।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

Share This

Post your reaction on this news

Leave a Comment

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com