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लखनऊ नगर निगम की हरित पहल

लखनऊ नगर निगम द्वारा लखनऊ को स्वच्छ और हरित बनाए जाने के लिए किए गए विशेष प्रयास

निश्चय टाइम्स, लखनऊ। लखनऊ नगर निगम द्वारा नगर को स्वच्छ एवं हरित बनाए जाने हेतु किए जा रहे कार्यों एवं शहरी कचरा प्रबंधन व पर्यावरणीय स्थिरता से संबंधित अपने विस्तृत प्रयासों में उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है। शहरी कचरे को मूल्यवान संसाधनों में परिवर्तित करके, नगर निगम न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बना रहा है बल्कि लखनऊ की पर्यावरणीय गुणवत्ता में भी व्यापक सुधार कर रहा है। यह तेजी से विकसित हो रहे शहरों के लिए एक अनुकरणीय मानक स्थापित कर रहा है, जो स्वच्छ, सुन्दर व हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
लखनऊ नगर की लगभग 40 लाख आबादी एवं लगभग 7.50 लाख आवासीय व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों वाले शहरी प्रबंधन में स्वच्छता सम्बन्धी कई बड़ी चुनौतियों है, जिसका सामना नगर निगम लखनऊ द्वारा दृढ़ता से किया जा रहा है। लखनऊ नगर निगम का मानना है कि वास्तव में स्वच्छ लखनऊ तभी संभव है जब इसमें नागरिकों की सक्रिय भागीदारी हो, और इसी को ध्यान में रखते हुए नगर निगम द्वारा नागरिकों को जागरूक किए जाने एवं सशक्त बनाए जाने हेतु निरन्तर विशेष प्रयास किया जा रहा है।
नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने और जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के लिए नगर निगम बहुआयामी आईईसी (सूचना, शिक्षा और संप्रेषण) अभियान चला रहा है। इस दिशा में विद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों को विशेष रूप से शामिल किया गया है। साथ ही बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन जैसे प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर भी जनजागरूकता फैलाई जा रही है। सोशल मीडिया, वार्ड स्तरीय कार्यक्रमों एवं जन रैलियों के माध्यमों से यह अभियान जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।
नगर निगम द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों के परिणामस्वरूप नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी और भागीदारी की भावना तेजी से बढ़ रही है। नगर निगम की रणनीति स्रोत स्तर पर कचरे को कम करने, पृथक्कीकरण एवं पुनर्चक्रण कर उपयोग करने को बढ़ावा देती है और साथ ही लगातार नागरिक प्रतिक्रिया पर आधारित व्यवस्था को भी सुदृढ़ करती है। नगर निगम ने लिगेसी वेस्ट के निस्तारण में उल्लेखनीय प्रगति की है। घैला डंप साइट पर 6.5 लाख टन से अधिक कचरे का वैज्ञानिक प्रसंस्करण कर लिया गया है और रिक्लेम की गई भूमि को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को हस्तांतरित कर दिया गया है। उक्त रिक्त किए गए स्थल पर 65 एकड़ क्षेत्र में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल विकसित किया जा रहा है जिसने संग्रहालय, विशाल रैली ग्राउंड आदि सुविधाएं होंगी।
शिवरी प्लान्ट पर दशकों से जमा लाखों मीट्रिक टन कचरे का वैज्ञानिक रूप से निस्तारण किया गया है। इसके उत्पादों का सी0पी0सी0बी0 मानकों के अनुसार निस्तारण किया गया है। इस प्रयास से जो भूमि रिक्त हुई है, वहां 2100 मी०टन क्षमता का फ्रेश वेस्ट प्रोसेसिंग प्लान्ट एवं हरित पट्टियां विकसित की जा रही है। लखनऊ उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा शहर बन गया है जो प्रतिदिन के फ्रेश वेस्ट का 100% वैज्ञानिक निस्तारण सुनिश्चित कर रहा है। उक्त परियोजना की निगरानी सतत् रूप से 24X7 संचालित सी०सी०टी०वी० कैमरों के माध्यम से की जा रही हैं। उक्त स्थल पर लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना भी की गई है। शिवरी प्लान्ट में संपूर्ण ढांचागत सुविधाएं जैसे सैनिटरी लैंडफिल साइट (एस०एल०एफ०) आदि को स्थापित करते हुए फ्रेश वेस्ट से निकलने वाले बाँय प्रोडक्ट का शतप्रतिशत वैज्ञानिक निस्तारण किया जा रहा है। साथ ही प्रतिदिन लगभग 1200 मीट्रिक टन गीले कचरे से 150 टन उच्च गुणवत्ता वाली खाद तैयार की जा रही है। नगर निगम लखनऊ द्वारा 300 मी०टन क्षमता के बायो-सी०एन०जी० एवं 150 मी०टन क्षमता के बॉयो-सी०बी०जी० परियोजनाएँ भी विकसित की जा रही हैं, जिससे प्रतिवर्ष लगभग ₹85 लाख का राजस्व मिलने की संभावना है।

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Author: ntuser1

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