इस वर्ष गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व 10 जुलाई 2025, गुरुवार को पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। यह दिन आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को पड़ता है और इसे गुरु-शिष्य परंपरा के सम्मान का प्रतीक माना जाता है। भारतीय संस्कृति में गुरु को ईश्वर से भी उच्च स्थान दिया गया है, क्योंकि वह व्यक्ति को अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त:
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ब्रह्मा मुहूर्त: सुबह 4:10 से 4:50 तक
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अभिजीत मुहूर्त: 11:59 से 12:54 तक
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विजय मुहूर्त: दोपहर 12:45 से 3:40 तक
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गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:21 से 7:41 तक
गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालु भगवान विष्णु और महर्षि वेदव्यास की पूजा करते हैं। इस दिन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा में तुलसी, दीप, गंध, पुष्प, पीले फल और भोग अर्पित करें। गुरु मंत्र का जाप करें और गीता का पाठ कर अपने गुरु से आशीर्वाद लें।
गुरु पूर्णिमा के विशेष मंत्र:
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गुरु मंत्र:
ॐ गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः।
गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥ -
गायत्री मंत्र:
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
10 चमत्कारिक उपाय:
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गुरु का आशीर्वाद लें
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पीपल वृक्ष की पूजा करें
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पीली वस्तुएं दान करें
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तुलसी पूजन करें
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गुरु यंत्र स्थापित करें
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श्रीसूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें
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गुरु मंत्र जाप करें
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छोटे बच्चों को फल और मिठाई का दान करें
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गुरु के चरण स्पर्श करें
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आध्यात्मिक साधना शुरू करें
गुरु का महत्व:
कबीर दास जी ने गुरु की महिमा यूं कही:
गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय॥
आने वाले वर्षों में गुरु पूर्णिमा की तिथियां:
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2026: 29 जुलाई
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2027: 18 जुलाई
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2028: 6 जुलाई
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2029: 25 जुलाई
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2030: 15 जुलाई
Author: Sweta Sharma
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