पश्चिम एशिया में संघर्ष विराम के तहत इस्राइल और हमास के बीच शांति की उम्मीदें बढ़ रही हैं। आज हमास ने अपनी हिरासत में रखी गईं चार इस्राइली महिला सैनिकों को रेड क्रॉस को सौंप दिया। इसके बदले में इस्राइल ने 200 फलस्तीनी कैदियों को रिहा करने का वादा किया है।
रिहा की गईं सैनिकों में करीना एरीव (20), डेनिएला गिल्बोआ (20), नामा लेवी (20), और लिरी अलबाग (19) शामिल हैं। इन चारों को 7 अक्तूबर 2023 को गाजा सीमा के पास नाहल ओज बेस से अगवा किया गया था। सभी सैनिक सीमा पर निगरानी करने वाली लुकआउट इकाई में तैनात थीं। हमास ने गाजा में इन सैनिकों को सार्वजनिक परेड के बाद रेड क्रॉस को सौंपा।
यह संघर्ष विराम के तहत दूसरी बार है जब बंधकों की अदला-बदली हुई है। इससे पहले, हमास ने तीन इस्राइली बंधकों को रिहा किया था, जिनके बदले में इस्राइल ने 90 फलस्तीनी कैदियों को छोड़ा था। अब चार सैनिकों के बदले 200 फलस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाएगा, जिनमें से 120 कैदी घातक हमलों के दोषी हैं और उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
19 जनवरी को तीन घंटे की देरी के बाद संघर्ष विराम समझौता लागू हुआ था। 471 दिनों के बाद बंधकों की रिहाई से दोनों पक्षों के बीच शांति बहाली की संभावनाएं मजबूत हुई हैं। हालांकि, यह युद्धविराम छह सप्ताह का है और इसके बाद की स्थिति अभी अनिश्चित है। लेकिन इस कदम से स्थायी शांति की उम्मीदें जगी हैं।

Author: Sweta Sharma
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