झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को बहुचर्चित चारा घोटाले में राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाने को लेकर सुनवाई हुई। यह याचिका CBI द्वारा दाखिल की गई, जिसे अदालत ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।
CBI की मांग क्या है?
CBI ने केवल लालू प्रसाद यादव ही नहीं, बल्कि बेक जूलियस और सुधीर कुमार भट्टाचार्य की सजा को भी बढ़ाने की मांग की है। इन सभी को निचली अदालत ने 3.5 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन CBI इस मामले में अधिकतम सजा चाहती है। यह मामला देवघर कोषागार से करोड़ों की अवैध निकासी से संबंधित है। CBI ने अप्रैल 2025 में झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उस समय कोर्ट ने तीन महीने बाद सुनवाई की तारीख दी थी। याद दिला दें कि डोरंडा ट्रेजरी से 139 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को पहले ही 5 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। चारा घोटाले से जुड़े देवघर, दुमका, चाईबासा और डोरंडा ट्रेजरी मामलों में लालू यादव को कुल 27 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। हालांकि खराब स्वास्थ्य के चलते उन्हें जमानत मिल गई थी।
क्या था चारा घोटाला?
इस घोटाले में करोड़ों रुपये का फर्जी बिल बनाकर खजाने से अवैध निकासी की गई थी। आरोप है कि मुख्यमंत्री रहते हुए लालू यादव ने ऊंची नस्ल के मवेशी हरियाणा से मंगवाए, जिनके परिवहन के लिए फर्जीवाड़ा किया गया। बाइक, स्कूटर और मोपेड से मवेशियों को लाने के बिल पेश किए गए। ठेका हिंदुस्तान लाइव स्टाफ एजेंसी, दिल्ली को दिया गया था। भेड़-बकरी तक लाखों में खरीदी गईं। इस मामले में लालू यादव, आरके राणा, जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत को मुख्य आरोपी बनाया गया था। CBI रिपोर्ट के अनुसार, मवेशियों के नाम पर 200 गुना अधिक बजट दिखाया गया था।
Author: Sweta Sharma
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