[the_ad id="4133"]
Home » इंडिया » उत्तर प्रदेश » लखनऊ » “पिछड़ा वर्ग आयोग में 30 शिकायतों की सुनवाई”

“पिछड़ा वर्ग आयोग में 30 शिकायतों की सुनवाई”

निश्चय टाइम्स, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने शुक्रवार को इन्दिरा भवन, लखनऊ स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त 30 शिकायतों एवं पत्रावलियों पर जनसुनवाई की। जनसुनवाई के दौरान संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति में अनेक मामलों का मौके पर ही समाधान किया गया, जबकि कुछ मामलों में अनुपस्थित अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की गई तथा अगली तिथि नियत करते हुए निर्देश जारी किए गए।
मानिक चन्द्र, सेवानिवृत्त सहायक अभियंता (लोक निर्माण विभाग) द्वारा जीपीएफ भुगतान में विलम्ब की शिकायत पर पूर्व में प्रमुख अभियंता, विकास एवं विभागाध्यक्ष को नोटिस जारी की गई थी। आज की सुनवाई में अधिशासी अभियंता उमाकान्त पाण्डेय ने अवगत कराया कि समस्त देयकों का भुगतान कर दिया गया है। शिकायतकर्ता कार्यवाही से सन्तुष्ट हैं। अतः प्रकरण निस्तारित कर दिया गया।


सीतापुर जनपद की उमा देवी द्वारा मकान पर अवैध कब्जे की शिकायत की गई थी। इस प्रकरण में क्षेत्राधिकारी सिधौली और उपजिलाधिकारी की अनुपस्थिति पर अध्यक्ष ने नाराजगी व्यक्त की और उन्हें आगामी तिथि पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए।
देवरिया निवासी सूरज कुमार शर्मा द्वारा नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वालों के विरुद्ध शिकायत की गई थी। पुलिस अधीक्षक, देवरिया को पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया गया था। उपस्थित अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और गिरफ्तारी का प्रयास जारी है। आयोग ने निर्देश दिए कि आगामी एक माह में गिरफ्तारी कराकर स्थिति से अवगत कराया जाए।
कुशीनगर निवासी महेश सिंह के भूमि विवाद के प्रकरण में क्षेत्राधिकारी रामसनेहीघाट, बाराबंकी ने जानकारी दी कि अवैध कब्जा हटाकर चहारदीवारी बनवा दी गई है। शिकायतकर्ता कार्यवाही से संतुष्ट हैं, अतः यह मामला भी निस्तारित कर दिया गया।
कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नियुक्तियों में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का अनुपालन न किए जाने की शिकायत पर उपशिक्षा निदेशक मुकेश कुमार सिंह ने उपस्थित होकर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि आरक्षण व्यवस्था का पूर्णतः पालन कराया जा रहा है।


देवेन्द्र सिंह द्वारा सीमा सिंह की प्रोन्नति न होने संबंधी शिकायत पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ। इस पर आयोग ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 25 जुलाई 2025 नियत की है तथा संबंधित अधिकारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। अध्यक्ष राजेश वर्मा ने अन्य प्रकरणों में भी संबंधित अधिकारियों की अनुपस्थिति पर असंतोष व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में सुनवाई के दौरान सक्षम अधिकारी उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके विरुद्ध कार्यवाही हेतु शासन को संस्तुति भेजी जाएगी।

ntuser1
Author: ntuser1

Share This

Post your reaction on this news

Leave a Comment

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com