अस्पताल परिसर में मरीजों की बढ़ी मुश्किलें
वाराणसी में शुक्रवार की रात से लेकर शनिवार की सुबह तक हुई भारी बारिश ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर को पूरी तरह जलमग्न कर दिया। लगातार हुई बारिश के कारण विश्वविद्यालय के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति बन गई, जिससे छात्रों, कर्मचारियों और मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बीएचयू का सिंहद्वार क्षेत्र, आवासीय परिसर और अस्पताल क्षेत्र पानी में डूब गए। सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में सर सुंदरलाल अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर शामिल रहे, जहां घुटने भर पानी जमा हो गया।
भारी जलभराव के कारण अस्पताल की पार्किंग में दर्जनों दोपहिया और चारपहिया वाहन बंद हो गए। ट्रॉमा सेंटर पहुंचने वाले मरीजों को भी पानी में उतरकर अस्पताल तक पहुंचना पड़ा। कई एंबुलेंस रास्ते में ही बंद पड़ गईं, जिससे मरीजों को बाहर उतरकर पैदल चलना पड़ा। जलभराव की वजह से अस्पताल तक पहुंचना जहां मुश्किल हो गया, वहीं अंदर का दृश्य भी अव्यवस्थित रहा।
हालात इतने खराब रहे कि बाल रोग विभाग के डॉक्टरों को मजबूरन पार्किंग क्षेत्र में ही ओपीडी लगानी पड़ी। डॉक्टर सुनील कुमार राव और डॉक्टर अनिल कुमार सरोज ने पार्किंग में खड़े होकर 20 से अधिक बच्चों का इलाज किया। उन्होंने बताया कि ज्यादातर अभिभावक अपने बीमार बच्चों को ओपीडी तक नहीं ले जा पा रहे थे, इसलिए सड़क किनारे ही उपचार शुरू करना पड़ा। हालांकि स्थिति गंभीर नहीं थी, इसलिए किसी भी बच्चे को भर्ती करने की नौबत नहीं आई।
अस्पताल के अन्य विभागों में भी मरीजों और उनके परिजनों को इसी तरह की दिक्कतों से गुजरना पड़ा। परिसर में जगह-जगह पानी भर जाने से मरीजों को स्ट्रेचर तक खींचना मुश्किल हो गया। कर्मचारियों ने पानी निकालने के लिए मोटरें चलाईं, लेकिन भारी बारिश के चलते राहत नहीं मिल सकी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बारिश के मौसम में बीएचयू परिसर में यही स्थिति देखने को मिलती है। drainage व्यवस्था ठीक न होने के कारण थोड़ी सी बारिश में ही सड़कें और पार्किंग क्षेत्र तालाब बन जाते हैं। यह स्थिति विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है।
एक तरफ जहां बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल को एम्स जैसी सुविधाओं से लैस करने के दावे किए जा रहे हैं, वहीं जलभराव जैसी मूलभूत समस्या का समाधान अब तक नहीं हो सका है। इस अव्यवस्था के कारण न केवल मरीजों को बल्कि डॉक्टरों और स्टाफ को भी काम करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों और छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति दोबारा न बने। फिलहाल बारिश थमने के बाद जल निकासी का कार्य जारी है, लेकिन इस घटना ने बीएचयू की व्यवस्थाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
