पारदर्शिता और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर
शैक्षणिक कैलेण्डर का पालन न करने पर कुलपतियों की तय होगी जवाबदेही
नए महाविद्यालयों की एन०ओ०सी० में क्षेत्रीय अधिकारियों की भूमिका होगी अहम
‘शिक्षक पुरस्कार’ शुरू करने की कार्ययोजना शीघ्र तैयार होगी
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने गुरुवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक की। बैठक में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार करते हुए मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और शिक्षणेत्तर नियुक्तियों में शासन का प्रतिनिधि नामित किया जाएगा ताकि नियुक्ति प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध महाविद्यालयों, संचालित नवीन पाठ्यक्रमों की मान्यता तथा नए महाविद्यालयों की स्थापना हेतु एन०ओ०सी० जारी करने की प्रक्रिया में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को भी शामिल किया जाए। इसके लिए शीघ्र ही एक समिति गठित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक कैलेण्डर का पालन न करने पर संबंधित कुलपति की जिम्मेदारी शासन स्तर पर तय की जाएगी।
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग में “शिक्षक पुरस्कार” प्रारम्भ करने पर सहमति बनी और इसके लिए कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत मूल्यांकन समिति का गठन किया जाए। अशासकीय महाविद्यालयों मे कार्यरत शिक्षकों की भांति विश्विद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान किए जाने हेतु प्रस्ताव तैयार किया जाए।
विभागीय समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव एम.पी. अग्रवाल, सचिव अमृत त्रिपाठी,
विशेष सचिव गिरजेश त्यागी, निधि श्रीवास्तव सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
