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राहु के नकारात्मक प्रभावों से कैसे पाएं मुक्ति

निश्चय टिमस, लखनऊ। राहु को ज्योतिष शास्त्र में छाया ग्रह कहा जाता है। राहु अपने प्रभाव से जातक के जीवन में उथल-पुथल मचा सकता है। हालाँकि राहु एक छाया ग्रह है और खगोलीय दृष्टि से वास्तविक अस्तित्व नहीं रखता, फिर भी इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा पड़ता है।
राहु जब अनुकूल होता है तो सफलता के शिखर तक पहुंचाता है, परन्तु जब प्रतिकूल होता है तो जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न करता है। राहु दोष से ग्रसित व्यक्ति को मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य संबंधी विकार जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। परन्तु चिंता की कोई बात नहीं है। प्राचीन ज्योतिष शास्त्र में राहु को शांत करने के कई सरल उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को अपनाकर राहु के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति पाई जा सकती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जा सकता है।
तो आइए जानते हैं राहु दोष के प्रमुख लक्षण क्या हैं, इससे निपटने के क्या उपाय हैं, और राहु के मित्र ग्रह कौन से हैं। इस लेख में हम राहु के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ताकि आप राहु के प्रभाव को समझ सकें और उससे निपटने के लिए सही दिशा में कदम बढ़ा सकें। तो चलिए शुरू करते हैं राहु के रहस्यों को उजागर करने की यह यात्रा।

क्या है राहु दोष
राहु दोष को पीड़ा या राहु अशुभ प्रभाव के नाम से भी जाना जाता है। राहु को छाया ग्रह माना जाता है और इसका स्थान किसी व्यक्ति के जन्म पत्रिका में सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव दोनों दिखा सकता है।
जब राहु किसी के जन्म पत्रिका में अनुकूल स्थिति में होता है, तो यह सफलता, धन, साहस, और विजय ला सकता है, और स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। लेकिन जब यह अनुपयुक्त स्थिति में होता है, तो व्यक्ति का जीवन विभिन्न चुनौतियों से भर जाता है, जिसमें वित्तीय अस्थिरता, अचानक विफलताएं, कम आत्मविश्वास, और व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में बाधाएं शामिल हैं। राहु दोष के प्रभावों को कम करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जो व्यक्ति की मदद कर सकते हैं।

राहु दोष के लक्षण
पहला लक्षण धन की हानि या बर्बादी है, जब राहु दोष व्यक्ति की कुंडली में होता है तो वे आर्थिक हानियाँ अनुभव कर सकते हैं। दूसरा लक्षण क्रोध संबंधी समस्याएं हैं, ऐसे लोग छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाते हैं और खुद पर नियंत्रण खो देते हैं। तीसरा लक्षण नाखून संबंधी समस्याएं हैं, अगर व्यक्ति के हाथों के नाखून खुद ब खुद टूटने या गिरने लगते हैं, तो इसे एक राहु दोष का लक्षण माना जाता है। चौथा लक्षण आत्मविश्वास की कमी है, जब राहु दोष होता है, तो व्यक्ति अपनी क्षमताओं और कौशलों में संदेह करने लगता है। पांचवा लक्षण दूसरों की बुराई करना है, एक दोषी राहु व्यक्ति को बिना किसी कारण के दूसरों के लिए कठोर शब्द कहने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे संबंध भुगतना पड़ता है। छठा लक्षण शारीरिक बीमारियाँ हैं, एक दोषी राहु विभिन्न शारीरिक रोगों जैसे मानसिक भ्रम, मिर्गी, तपेदिक, कुष्ठ रोग, हृदय रोग, त्वचा रोग, हड्डी के फ्रैक्चर, और भूतों के डर का कारण बन सकता है।

राहु दोष के सरल उपाय
राहु की शांति के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं। सबसे पहले, राहु से प्रभावित व्यक्तियों को हमेशा एक चांदी का टुकड़ा अपने पास रखना चाहिए। इसके अलावा, कुत्ते को रोटी खिलाना भी राहु के शुभ प्रभाव को बढ़ाता है। नियमित रूप से पूजा के बाद लाल चंदन का टीका लगाना और गंगा स्नान करना भी राहु की परेशानियों को दूर करने में मददगार हो सकता है। लोहे का छल्ला या कड़ा पहनना एक और अच्छा उपाय माना जाता है।राहु की शांति के लिए गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना भी लाभदायक होता है। हालांकि, नॉनवेज और शराब से दूर रहना चाहिए क्योंकि ये राहु के बुरे प्रभाव को और बढ़ा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, भगवान शिव की आराधना करना राहु को शांत करने का एक श्रेष्ठ उपाय है। सोमवार का व्रत रखना, शिव पूजा करना, बिल्व पत्र और दुग्ध से अभिषेक करना तथा ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना राहु दोष को दूर करने में कारगर साबित हो सकते हैं।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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