बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया होगी और पारदर्शी
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी करते हुए बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) को उसके द्वारा आयोजित परीक्षाओं और भर्ती प्रक्रियाओं के दौरान आधार प्रमाणीकरण की स्वैच्छिक सुविधा प्रदान करने की अनुमति दे दी है। यह अधिसूचना भारत के राजपत्र में एसओ 837 (पृष्ठ 1614-15/सी) द्वारा प्रकाशित की गई है।
आईबीपीएस अब ‘सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024’ के अंतर्गत एक ‘सार्वजनिक परीक्षा प्राधिकरण’ के रूप में नामित हो गया है। यह प्रावधान आधार अधिनियम, 2016 तथा सुशासन नियमावली, 2020 के तहत आधार सत्यापन नियम 5 के अनुरूप लागू किया गया है। इस प्रक्रिया में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की सलाह और इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय की स्वीकृति भी प्राप्त हुई है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा क्षेत्र में भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता व सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। आधार आधारित प्रमाणीकरण से प्रतिरूपण जैसे कदाचारों पर रोक लगेगी और वास्तविक उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से सुरक्षा मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, यह सुविधा परीक्षा संचालन को अधिक तेज, कुशल और कम प्रशासनिक बोझ वाला बनाएगी, जिससे संपूर्ण परीक्षा प्रणाली में लोगों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा। यह निर्णय भारत की डिजिटल गवर्नेंस और ई-गवर्नेंस में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।





