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आईईपीएफए ने छोटे दावों की प्रक्रिया आसान बनाने का प्रस्ताव रखा

निश्चय टाइम्स, डेस्क। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) ने मौजूदा प्रक्रियाओं की समीक्षा करने और कम राशि वाले दावों की दस्तावेज प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सुधारों की सिफारिश करने हेतु एक समिति का गठन किया था। इस पहल से समय सीमा में उल्लेखनीय कमी आने, पारदर्शिता में सुधार होने और निवेशकों को परेशानी मुक्त सेवाएँ मिलने की उम्मीद थी।
समिति में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए), निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए), भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई), भारतीय लागत लेखाकार संस्थान (आईसीएमएआई), भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की), पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), और भारतीय रजिस्ट्रार संघ (आरएआईएन) के प्रतिनिधि शामिल थे। समिति ने अपनी रिपोर्ट आईईपीएफए ​​को सौंप दी थी।समिति के सुझावों के अनुसार आईईपीएफए ​​द्वारा अपनाए जाने के बाद ये सुझाव 5 लाख रुपये (भौतिक प्रतिभूतियां), 15 लाख रुपये (डीमैट प्रतिभूतियां) तथा 10,000 रुपये तक के लाभांश मूल्य के दावों पर लागू होंगे।

आईईपीएफए ​​के बारे में

निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) की स्थापना 7 सितंबर, 2016 को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन की गई थी। आईईपीएफए ​​निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि के प्रबंधन के लिए ज़िम्मेदार है, जिसका उद्देश्य शेयरों, दावा न किए गए लाभांशों और परिपक्व जमा/ऋणपत्रों की वापसी की सुविधा प्रदान कर निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। अपनी पहलों के माध्यम से, आईईपीएफए ​​का उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना, निवेशकों के अधिकारों की रक्षा करना और देश भर में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना है।

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Author: ntuser1

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