कच्चे पाम, सोया और सूरजमुखी तेल पर सीमा शुल्क 20% से घटाकर 10% किया गया
उपभोक्ता, किसान और रिफाइनिंग इंडस्ट्री तीनों को होगा फायदा
निश्चय टाइम्स, डेस्क। खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों से परेशान जनता को राहत देने के लिए भारत सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। अब कच्चे पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल और सूरजमुखी तेल पर बुनियादी सीमा शुल्क 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। इस फैसले से उपभोक्ताओं को सस्ता तेल मिलेगा, वहीं देश की रिफाइनिंग इंडस्ट्री और तिलहन किसानों को भी सीधा लाभ होगा। सरकार की अधिसूचना के अनुसार, सेस और अधिभार समेत इन तेलों पर कुल आयात कर अब 27.5% से घटकर सिर्फ 16.5% रह गया है। वहीं रिफाइंड तेलों पर मौजूदा आयात शुल्क 35.25% पर बरकरार रखा गया है।
भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (IVPA) के अध्यक्ष ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कच्चे और रिफाइंड तेलों के बीच अब 19.25% का शुल्क अंतर बन गया है, जो घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को मजबूती देगा और ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को गति देगा।उनके अनुसार, इस नीति से जहां उपभोक्ताओं को सस्ता खाद्य तेल मिलेगा, वहीं किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य और उद्योग को दीर्घकालिक स्थिरता प्राप्त होगी। आने वाले समय में पाम ऑयल, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात में वृद्धि होने की उम्मीद है।
शुक्रवार देर रात जारी एक आधिकारिक बयान में सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) के अध्यक्ष श्री संजीव अस्थाना ने सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि “केंद्र सरकार ने कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच शुल्क के अंतर को 8.25% से बढ़ाकर 19.25% कर एक साहसिक और समयानुकूल कदम उठाया है। इससे रिफाइंड पामोलिन के आयात में गिरावट आएगी और कच्चे पाम तेल की मांग में इजाफा होगा। परिणामस्वरूप, देश के घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को नई ऊर्जा और प्रोत्साहन मिलेगा। यह फैसला ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों के लिए भी सकारात्मक संकेत है।”
