निश्चय टाइम्स, लखनऊ। प्रदेश के किसानों को सुगमता पूर्वक खरीफ की फसल की बुवाई ,रोपाई एवं आने वाले माह में यूरिया के टॉप ड्रेसिंग में कोई परेशानी न हो इसके लिए आज माननीय कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा कैबिनेट मंत्री उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय भारत सरकार जे पी नड्डा से मुलाकात कर प्रदेश में हो रहे यूरिया आपूर्ति के संबंध में विस्तार से चर्चा किया गया, माह जुलाई की आवश्यकता एवं आने वाले अगस्त माह हेतु जो प्रदेश को यूरिया की जरूरत पड़ेगी उसको निरंतर आपूर्ति बनाए रखने के लिए आग्रह किया गया । केंद्रीय मंत्री नड्डा द्वारा उर्वरक विभाग के सचिव रजत कुमार मिश्र को उत्तर प्रदेश की मांग के अनुरूप यूरिया की आपूर्ति के निर्देश दिए गए। केंद्रीय मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया कि उत्तर प्रदेश को यूरिया की कोई कमी नहीं आने दिया जाएगा । बैठक के दौरान खरीफ की बुवाई के बाद आगामी माह में प्रदेश में तोरिया ,सरसों ,अगेती आलू की बुवाई के संबंध में भी उर्वरकों के उपलब्धता हेतु अग्रिम तैयारी के संबंध में भी विस्तार से चर्चा किया गया। सहकारिता के क्षेत्र में जो उर्वरक का आवंटन प्राप्त प्राप्त हो रहा है उसे बढ़ाने के लिए भी अनुरोध किया गया, साथ ही साथ उर्वरकों के POS मशीन से वितरण में कुछ तकनीकी फीचर्स को विकसित करने का भी सुझाव दिया गया जिससे कि उर्वरकों के बिक्री की निगरानी भी सुगमता से किया जा सके। उर्वरकों से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी विस्तार से चर्चा किया गया । किस प्रकार से गुणवत्तापूर्ण एवं सही मूल्य पर उर्वरक की उपलब्धता रिटेल पॉइंट तक हो इसके बारे में भी माननीय कृषि मंत्री ने अपनी बात रखी। POS मशीन से उर्वरक की बिक्री में कुछ आवश्यक तकनीकी फीचर्स के बारे में भी चर्चा किया गया ।
पीएम कुसुम सिंचाई योजना के अंतर्गत सोलर पंप स्थापित करने एवं सोलर पंप के स्थापना में केन्द्रांश की धनराशि केंद्र सरकार से प्राप्त होती है उसके बारे में भी माननीय कृषि मंत्री के द्वारा माननीय कैबिनेट मंत्री प्रहलाद जोशी से मुलाकात कर धनराशि को उत्तर प्रदेश के लिए अवमुक्त करने के लिए आग्रह किया गया। इस पर माननीय मंत्री जी ने कहा कि शीघ्र ही धनराशि अवमुक्त कर दिया जाएगा। बैठक में भारत सरकार के उर्वरक विभाग के सचिव रजत कुमार मिश्र, अपर सचिव अनीता मेश्राम , उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र , संयुक्त कृषि निदेशक उर्वरक डॉ आशुतोष कुमार मिश्र भी उपस्थित रहे। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के कृषि सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी से भी राष्ट्रीय कृषि विकास योजना सहित अन्य केंद्र पोषित विभिन्न योजनाओं के बारे में समय से धनराशि को अवमुक्त करने तथा भुगतान में आ रही कठिनाइयों के बारे में भी विस्तार से चर्चा किया गया।
