– पाकिस्तान में 21, रूस में 13, यूक्रेन में 7 और बांग्लादेश में 5 बार शटडाउन
नई दिल्ली। पहली बार ऐसा हुआ है कि दुनिया में इंटरनेट बंद करने के मामले में भारत पहले नंबर पर नहीं है। हालांकि अभी दूसरा नंबर है। भारत में इंटरनेट शटडाउन में कमी आई है। मणिपुर हिंसा और पिछले साल हरियाणा के नूंह में साम्प्रदायिक हिंसा को हटा दें तो भारत में बहुत ही कम इंटरनेट बंद किया गया है। चिंता की बात यह है कि भारत अभी भी अपने पड़ोशी देशों से इस मामले में काफी पीछे है। 2018 के बाद पहली बार 2024 में भारत एक साल में इंटरनेट शटडाउन के मामले में दुनिया में आगे नहीं रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल म्यांमार में सबसे ज़्यादा 85 शटडाउन के आदेश दिए गए। भारत में पिछले साल 84 ऐसे आदेश लागू हुए थे।
बता दें दुनिया में इंटरनेट शटडाउन की कुल संख्या 2023 में 39 देशों द्वारा 283 शटडाउन से बढ़कर 2024 में 54 देशों द्वारा 296 शटडाउन हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार के ठीक पीछे भारत है। यहां 84 बार शटडाउन हुआ। भारत में संप्रदायिक संघर्ष, विरोध और अस्थिरता, सांप्रदायिक हिंसा, परीक्षाओं और चुनावों में नकल रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं। 41 इंटरनेट शटडाउन विरोध प्रदर्शनों से संबंधित थे। 23 सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित थे। 2024 में 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इंटरनेट शटडाउन से प्रभावित थे, जिनमें मणिपुर (21), जम्मू-कश्मीर (12) और हरियाणा (12) सबसे आगे थे। रिपोर्ट में बताया है कि मणिपुर में जातीय तनाव एक प्रमुख कारण था।
भारत के बाद पाकिस्तान में 21 बार इंटरनेट बंद हुआ। रूस में 13 बार, यूक्रेन में 7 बार, फिलिस्तीन में 6 बार और बांग्लादेश में 5 बार। पाकिस्तान ने 8 फरवरी को चुनाव के दिन, देशभर में एक्स सिग्नल और ब्लूस्काई को ब्लॉक किया गया था और मोबाइल बंद कर दिया था। 8 देशों ने सीमा पार शटडाउन लगाया, जिससे 13 देश प्रभावित हुए। यूक्रेन में रूस द्वारा शटडाउन के 7 मामले दर्ज किए थे। ये यूक्रेन के इंटरनेट सेवा प्रदाताओं पर साइबर हमले और यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर कम से कम छह बार मिसाइल हमलों के कारण इंटरनेट बाधित हुआ था।
