[the_ad id="4133"]
Home » क्राइम » आजमगढ़ में अमानवीयता की हदें पार, झाड़ियों में थैले में भरकर फेंकी गईं दो नवजात बच्चियां

आजमगढ़ में अमानवीयता की हदें पार, झाड़ियों में थैले में भरकर फेंकी गईं दो नवजात बच्चियां

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। शहर कोतवाली क्षेत्र के डीएवी कॉलेज के पास तमसा नदी किनारे कुछ स्थानीय लोगों को झाड़ियों से बच्चों के रोने की आवाजें सुनाई दीं। जब उन्होंने जाकर देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई — एक थैले में दो नवजात बच्चियां लावारिस हालत में पड़ी थीं।

सोमवार की शाम करीब पांच बजे की इस घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। मौके पर ब्रह्मस्थान चौकी प्रभारी विजय कुमार सहाय पहुंचे और बच्चियों को गंभीर हालत में जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल के सीएमएस डॉ. विनय कुमार सिंह ने बताया कि दोनों बच्चियों को जन्म के कुछ ही घंटे हुए थे। तेज गर्मी और खुले में छोड़ देने के कारण उनकी हालत बेहद खराब हो गई थी।

इलाज के दौरान एक नवजात की सोमवार शाम ही मौत हो गई, जबकि दूसरी को गंभीर हालत में रेफर किया गया, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी भी मृत्यु हो गई। डॉक्टरों के अनुसार, समय पर चिकित्सकीय देखभाल मिलती तो शायद दोनों को बचाया जा सकता था।

पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। चाइल्ड केयर हेल्पलाइन को भी इस घटना की जानकारी दी गई है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्चियों को किसने और कब फेंका।

इस अमानवीय घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। कुछ लोगों ने कहा कि यह कृत्य न केवल एक अपराध है, बल्कि समाज में महिला शिशु के प्रति जड़ें जमाए भेदभाव और असंवेदनशीलता का प्रमाण भी है। घटनास्थल पर मौजूद कुछ महिलाओं की आंखें नम थीं — वे बार-बार यही कहती रहीं कि यदि मां-बाप उन्हें पाल नहीं सकते थे, तो किसी संस्था या अस्पताल के बाहर छोड़ देते, कम से कम जान तो बच जाती।

यह घटना उत्तर प्रदेश की उन तमाम घटनाओं में एक और कड़ी है, जो महिला भ्रूण हत्या और नवजात बालिकाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण को उजागर करती हैं। राज्य सरकार और प्रशासन को इस दिशा में न केवल सख्त कानून लागू करने की जरूरत है, बल्कि व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने की भी सख्त आवश्यकता है, जिससे भविष्य में ऐसे कृत्यों पर अंकुश लगाया जा सके।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

Share This

Post your reaction on this news

Leave a Comment

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com