[the_ad id="4133"]
Home » इंडिया » उत्तर प्रदेश » रायबरेली » भारत कुछ भी आजमाने के लिए प्रयोगशाला है : बिल गेट्स

भारत कुछ भी आजमाने के लिए प्रयोगशाला है : बिल गेट्स

वाशिंगटन। भारत को ‘प्रयोगशाला’ बताने पर माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स विवादों में आ गए हैं। गेट्स ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत, विशेष रूप से उसकी स्वास्थ्य प्रणाली, एक ‘प्रयोगशाला’ के रूप में काम करता है, जहां नए समाधानों का परीक्षण किया जाता है। इस बयान पर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में कड़ी प्रतिक्रियाएँ आई हैं।

गेट्स ने यह टिप्पणी भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार और नवीनतम तकनीकी समाधानों को लागू करने के संदर्भ में की थी, लेकिन उनका बयान कई लोगों को आपत्तिजनक लगा। भारतीय नेताओं ने इसे भारत का अपमान मानते हुए इसका विरोध किया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने इसे गेट्स का उपहास और भारत के प्रति उनकी मानसिकता की कमी के रूप में देखा। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी गेट्स के बयान को लेकर आलोचनाएँ तेज हो गईं, और कई उपयोगकर्ताओं ने इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया बयान माना।

हाल ही में इंटरनेट उद्यमी, पूंजीपति और पॉडकास्टर रीड हॉफमैन के पॉडकास्ट में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज गेट्स ने यह कहकर चौंका दिया था कि ‘भारत कुछ भी आजमाने के लिए प्रयोगशाला’ है। अपनी टिप्पणियों से गेट्स का इरादा दरअसल वैश्विक विकास यात्रा में भारत की भूमिका को रेखांकित करना था, लेकिन इन्होंने सोशल मीडिया पर बवंडर खड़ा कर दिया और लोगों ने उन्हें शब्दों के चयन को लेकर आड़े हाथ लिया।

पॉडकास्ट के दौरान बिल गेट्स ने कहा, ‘भारत एक ऐसा उदाहरण है, जहां कई चीजें बहुत मुश्किल होती हैं। स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हो रहा है। यहां काफी स्थायित्व दिखता है और सरकार अपने दम पर पर्याप्त राजस्व जुटा रही है। अगले 20 वर्षों में यहां के लोग चमत्कारिक रूप से बेहतर स्थिति में होंगे। भारत इस समय चीजों को आजमाने वाली प्रयोगशाला की तरह है। यहां गुणवत्ता के स्तर पर माप-तौल कर दुनिया के दूसरे हिस्सों में ले जा सकते हैं।’

पॉडकास्ट में उन्होंने बिल और मेलिंडा गेट्स के भारत में काम कर रहे बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की भूमिका के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि अमेरिका के बाहर उनके फाउंडेशन के सबसे बड़े कार्यालय भारत में ही हैं और उनकी संस्था की कई पहलों को शुरू करने में भारत की अहम भूमिका है।

वहीं, कुछ अन्य लोग गेट्स की बातों को संदर्भ में सही मानते हैं, यह मानते हुए कि उन्होंने सिर्फ स्वास्थ्य सुधार और नवाचारों के परीक्षण की प्रक्रिया के बारे में बात की। गेट्स ने बाद में अपनी टिप्पणी पर सफाई दी और यह स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य भारत की मेहनत और उसकी विकासात्मक यात्रा को कम करके नहीं आंकना था, बल्कि यह बताया था कि भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश में नई पहल करना और उनका परीक्षण करना एक चुनौतीपूर्ण लेकिन प्रभावी तरीका हो सकता है।

इस विवाद ने भारतीय समाज में एक नई बहस छेड़ दी है, जिसमें वैश्विक संस्थाओं की भूमिका और उनके दृष्टिकोण पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

Admin Desk
Author: Admin Desk

Share This

Post your reaction on this news

Leave a Comment

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com