निश्चय टाइम्स, डेस्क। भारतीय नौसेना 04 दिसंबर 2025 को तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम समुद्र तट पर एक शानदार परिचालन प्रदर्शन के साथ नौसेना दिवस 2025 मनाएगी। यह भारतीय नौसेना के प्रमुख नौसेना स्टेशनों के अलावा किसी अन्य स्थान पर कार्यक्रम आयोजित करने की कोशिश का एक सिलसिला है। इससे पहले, यह ओडिशा के पुरी और महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम नागरिकों को भारतीय नौसेना के बहु डोमेन संचालन के विभिन्न पहलुओं को देखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। ऑपरेशनल प्रदर्शन भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक ऑपरेशनल प्लेटफॉर्म और महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) के व्यापक विज़न द्वारा निर्देशित हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में ‘पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ के रूप में इसके संकल्प को प्रदर्शित करेगा। यह कार्यक्रम नौसेना की दुर्जेय लड़ाकू क्षमताओं, तकनीकी उत्कृष्टता और परिचालन तत्परता को जीवंत करेगा, साथ ही देश की बढ़ती समुद्री ताकत और आत्मनिर्भरता को भी दर्शाएगा।
इस ऑपरेशनल प्रदर्शन में अग्रिम पंक्ति के प्लेटफार्मों द्वारा समन्वित युद्धाभ्यास प्रदर्शित किए जाएगे, जो नौसेना की समुद्री क्षेत्र में शक्ति और सटीकता प्रदान करने की क्षमता का प्रतीक होगा। यह कार्यक्रम सतह, उप-सतही और हवाई संपत्तियों के निर्बाध सहयोग को उजागर करेगा, जो भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए नौसेना की तैयारी को दर्शाता है। आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को दर्शाते हुए, इस प्रदर्शन में रक्षा निर्माण में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का प्रतिनिधित्व करने वाली कई स्वदेशी निर्मित संपत्तियां प्रदर्शित की जाएंगी। ये मंच ‘मेक इन इंडिया’ के तहत नौसेना के निरंतर प्रयासों को मूर्त रूप देते हैं, जिससे एक आधुनिक, तकनीकी रूप से उन्नत और भविष्य के लिए तैयार समुद्री बल का निर्माण होता है। यह समारोह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रदर्शित नौसेना की तैयारियों और निवारक क्षमता को भी उजागर करेगा, जो सटीकता, गति और प्रभुत्व के साथ हमला करने की उसकी क्षमता की पुष्टि करता है। यह प्रदर्शन भारतीय नौसेना के उन पुरुषों और महिलाओं के व्यावसायिकता, अनुशासन और साहस को श्रद्धांजलि है जो देश की संप्रभुता और समुद्री हितों की रक्षा करते हैं।
नौसेना दिवस 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है, जिसने दुश्मन की नौसेना और तटीय सुरक्षा को करारा झटका दिया था। ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत, भारतीय नौसेना की मिसाइल नौकाओं ने कराची बंदरगाह पर एक साहसिक हमला किया। इस निर्णायक कार्रवाई ने न केवल भारत की समुद्री शक्ति, बल्कि सटीकता, साहस और रणनीतिक कौशल का भी प्रदर्शन किया। 2025 का ऑपरेशनल प्रदर्शन, एक विकसित और समृद्ध भारत के लिए समुद्र की सुरक्षा करने वाले एक युद्ध-तैयार, एकजुट, विश्वसनीय और आत्मनिर्भर बल के रूप में भारतीय नौसेना की समुद्री उत्कृष्टता का उत्सव होगा।




