लखनऊ: भारतीय रेलवे ने स्वच्छता और आधुनिक तकनीक के समन्वय से एक नया इतिहास रचते हुए देश में पहली बार ड्रोन-आधारित सफाई प्रणाली की शुरुआत की है। इस उन्नत तकनीक के माध्यम से अब रेलवे स्टेशनों, कोचिंग डिपो और ट्रैकों की निगरानी एवं सफाई और भी तेज़, सटीक और सुरक्षित ढंग से की जा सकेगी।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह तकनीक विशेष रूप से ऊँचाई पर स्थित कठिन स्थानों जैसे पुलों, प्लेटफॉर्म की छतों और कोचिंग डिपो के ऊपरी हिस्सों की सफाई के लिए उपयोगी होगी। ड्रोन के माध्यम से न केवल कम समय में व्यापक क्षेत्र की सफाई संभव होगी, बल्कि इससे मानवीय श्रम की निर्भरता भी घटेगी। इससे सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा और कार्यक्षमता दोनों में वृद्धि होगी।
रेल मंत्री ने इस पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के अनुरूप एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि “भारतीय रेलवे अब स्वच्छता, तकनीक और स्थिरता के क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा है। ड्रोन तकनीक से रेलवे को ‘ग्रीन और क्लीन’ दिशा में एक नई पहचान मिलेगी।”
इस परियोजना का पायलट चरण फिलहाल चार प्रमुख मंडलों — दिल्ली, लखनऊ, मुंबई और चेन्नई — में शुरू किया गया है। सफल परिणाम मिलने के बाद इसे देश के अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा।
रेल मंत्रालय का कहना है कि यह पहल न केवल रेलवे परिसरों की स्वच्छता को बनाए रखने में सहायक होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और डिजिटल मॉनिटरिंग के क्षेत्र में भी एक नई दिशा प्रदान करेगी। ड्रोन की मदद से अब रेलवे सफाई व्यवस्था को पूरी तरह तकनीकी और पारदर्शी बनाने की ओर अग्रसर है।
