निश्चय टाइम्स, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए शासन ने सख्त कदम उठाए हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने सभी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत अब कॉलेजों में अनुशासन और निगरानी व्यवस्था को पूरी तरह मजबूत किया जाएगा।
नई व्यवस्था के तहत अब सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य और निदेशक प्रतिदिन अस्पताल और कॉलेज परिसर का निरीक्षण करेंगे। राउंड के दौरान उनकी उपस्थिति का प्रमाण देने के लिए फोटो भी शासन को भेजनी होगी। यदि किसी कारणवश प्राचार्य या निदेशक राउंड नहीं ले पाते हैं, तो उनकी जिम्मेदारी उप प्राचार्य और चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट (सीएमएस) निभाएंगे। निरीक्षण के दौरान सफाईकर्मी, सुपरवाइजर और सुरक्षा कर्मी भी साथ मौजूद रहेंगे, ताकि किसी भी खामी की पहचान कर तत्काल उसे ठीक किया जा सके। हॉस्टल और अस्पताल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिससे निगरानी और बेहतर हो सके।
ट्रॉमा सेंटरों में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल कर्मियों की तैनाती के आदेश भी जारी हुए हैं। इसके साथ ही, सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए मेडिकल कॉलेजों में अब भूतपूर्व सैनिकों की तैनाती की जाएगी। यह पहल अस्पतालों में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। यह सख्त मॉनिटरिंग व्यवस्था जल्द ही सभी मेडिकल कॉलेजों में लागू की जाएगी। सरकार का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और मरीजों को बेहतर सुविधाएं देना है।
