मणिपुर के कांगपोकपी जिले में आज उस समय तनाव बढ़ गया जब राज्य परिवहन की एक बस पर हमला हुआ। यह बस इंफाल से पहाड़ी क्षेत्रों की ओर जा रही थी। अधिकारियों के मुताबिक, जातीय संघर्ष के कारण पिछले दो साल से बंद बस सेवा को फिर से शुरू किया गया था।
गमगमिफाई इलाके में बस पर हमला
पिछले साल दिसंबर में सरकार ने इंफाल से कांगपोकपी और चुराचांदपुर के लिए बस सेवा बहाल करने की कोशिश की थी, लेकिन यात्रियों की कमी के कारण इसे रोका गया। शनिवार को सेनापति जिले की ओर जा रही बस पर कांगपोकपी जिले के गमगमिफाई इलाके में भीड़ ने पत्थर फेंके। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे, जिससे कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
बसों को सुरक्षा बलों की निगरानी में रवाना किया गया
इंफाल हवाई अड्डे से सुबह 10 बजे बिना यात्रियों के बसें रवाना हुईं। इन बसों को केंद्रीय बलों के कड़े सुरक्षा घेरे में भेजा गया, जिसमें सेना के जवान भी शामिल थे।
- चुराचांदपुर की ओर जा रही बस विष्णुपुर जिले को पार कर कांगवाई पहुंची।
- सेनापति जिले की ओर जा रही बस कांगपोकपी होते हुए इंफाल जिले के कांगलाटोंगबी तक बिना किसी रुकावट के पहुंची।
सरकार का कहना है कि यह बस सेवा लोगों की असुविधा कम करने और मणिपुर में स्थिति को सामान्य करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने दिए सख्त निर्देश
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में सुरक्षा बलों को निर्देश दिया कि 8 मार्च से सभी मार्गों पर लोगों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की जाए और अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
गृह मंत्रालय ने मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा बैठक में कहा कि केंद्र सरकार स्थायी शांति बहाल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस संबंध में राज्य को हर संभव मदद दी जाएगी। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह पहली सुरक्षा समीक्षा बैठक थी।
गौरतलब है कि मई 2023 से मणिपुर में जारी जातीय हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

Author: Sweta Sharma
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